Mahalakshmi Vrat 2024 पहली बार रख रहीं है महालक्ष्मी व्रत, तो इन नियमों का जरूर करें पालन

Mahalakshmi Vrat 2024 पहली बार रख रहीं है महालक्ष्मी व्रत, तो इन नियमों का जरूर करें पालन
 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित महालक्ष्मी व्रत विशेष माना जाता है जो कि धन, समृद्धि और सुख प्रदान करता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से आर्थिक समस्याओं का निवारण हो जाता है और खुशहाली आती है पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत का आरंभ हो जाता है और इसका समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर होता है इस साल महालक्ष्मी व्रत 11 सितंबर से आरंभ हो रहा है जो कि 24 सितंबर को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में अगर आप महालक्ष्मी व्रत कर रही है तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं नियमों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। 

महालक्ष्मी व्रत पर करें इन नियमों का पालन—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालक्ष्मी व्रत के दौरान जातक लगातार सोलह दिनों तक सुबह के समय माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें इस दौरान महालक्ष्मी के सभी आठ स्वरूपों की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा महिलाएं महालक्ष्मी व्रत कर रही है। उन्हें रोजाना श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से माता की कृपा बरसती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। 

महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन कलश में जल, कुछ सिक्के और अक्षत डालें फिर कलश पर आम के पत्ते रखकर नारियल रखें और चंदन, हल्दी से पूजा करें। ऐसा करने से लाभ मिलता है लक्ष्मी पूजन के बाद दूर्वा की गांठ बनाकर इस पानी में डुबाएं और घर के सभी सदस्यों के कमरे में इसका छिड़काव करें। माना जाता है कि ऐसा करने से दुख दरिद्रता का नाश होता है और जातक को उत्तम परिणाम की प्राप्ति होती है। 

इस दौरान मांस मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। वरना व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है इसके अलावा महालक्ष्मी व्रत के दौरान सोने से भी बचना चाहिए वरना माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है। व्रती को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि महालक्ष्मी व्रत का पारण लक्ष्मी पूजा का प्रसाद ग्रहण करके ही करना चाहिए। माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। इससे सौभाग्य बढ़ता है।