रहस्यों से भरा है माता शिकारी देवी मंदिर, यहां खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं देवी

रहस्यों से भरा है माता शिकारी देवी मंदिर, यहां खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं देवी
 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: भारत में मंदिरों व तीर्थ स्थलों की कमी नहीं है यहां बहुत सारे रहस्यमयी और अनोखे मंदिर है जो अपने चमत्कारों के लिए भी जाने जाते हैं और ये तीर्थ स्थल भक्तों की आस्था व विश्वास का केंद्र भी माने जाते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन व पूजन करके भक्तों को मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां मां दुर्गा शक्ति स्वरूप में विराजमान है यह शिकारी देवी मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मदिर में बिना छत के कभी ऋषि मार्कंडेय ने तपस्या की थी। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी मंदिर के बारे में बता रहे हैं। 

शिकारी देवी मंदिर—
देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल के कई मंदिर आज भी कई रहस्यों से भरे हुए है जिन रहस्यों को आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है। ऐसा ही एक पवित्र मंदिर मंडली जिले में भी स्थित है। जो जंजैहली से करीब 16 किलोमीटर दूर शिकारी देवी मंदिर है जो कि एक ऐसा मंदिर है जिस पर आज तक कोई छत नहीं बनाई गई है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय ऋषि ने इस जगह पर कई वर्षों तक तपस्या की थी उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा अपने शक्ति रूप में इस जगह पर स्थापित हुई थी।

इस पावन स्थल पर बिना छत के एक साथ 64 योगिनियां विराजमान हैं इसलिए शिकारी माता को योगिनी माता के नाम से भी पूजा जाता है। इसके अलावा माता की नवदुर्गा मूर्ति, चामुंडा, कमरूनाग मंदिर मंडी और परशुराम की मूर्तियां भी यहां स्थापित की गई हैं। जो भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र मानी गई हैं मान्यता है कि यहां दर्शन व पूजन करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।