जवानी के दिनों में अपने दिमाग में बैठा ले बातें बुढ़ापे में कभी नहीं होगी पैसों की दिक्कत, जान ले अपने फायदे की बात

जवानी के दिनों में अपने दिमाग में बैठा ले बातें बुढ़ापे में कभी नहीं होगी पैसों की दिक्कत, जान ले अपने फायदे की बात
 

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - हर व्यक्ति को जीवन में एक दिन बुढ़ापे से गुजरना पड़ता है। यह जीवन का वह पड़ाव है जिसमें व्यक्ति को आराम की आवश्यकता होती है। लेकिन यह तभी संभव है जब आपके पास बुढ़ापे की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा हो। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग युवावस्था में ही शुरू कर दें। रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करने के लिए आपको कुछ जरूरी बातें समझनी चाहिए। अगर आप युवावस्था में ही इन बातों को समझ लेंगे तो बुढ़ापा मौज-मस्ती में बीतेगा।

1. रिटायरमेंट का लक्ष्य तय करें
सबसे पहले यह तय करें कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितने पैसों की जरूरत होगी। इसमें आपके मासिक खर्च, स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें और आपकी जीवनशैली के हिसाब से जो भी जरूरतें हैं, उन्हें शामिल करना चाहिए। इसके अलावा आपको महंगाई दर को भी ध्यान में रखना होगा क्योंकि जिस रकम से आप आज बेहतर जीवन जी रहे हैं, भविष्य में उसी तरह का जीवन जीने के लिए आपको और अधिक पैसों की जरूरत होगी। एक बार जब आप अपने रिटायरमेंट फंड का अनुमान लगा लेंगे तो आप आसानी से वित्तीय प्लानिंग कर पाएंगे।

2. जल्दी शुरू करें
आप जितनी जल्दी रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू करेंगे, आपके लिए उतना ही बेहतर होगा। अगर आपकी सैलरी कम है तो छोटी रकम से निवेश करना शुरू करें और इस निवेश को बनाए रखें। जैसे-जैसे आपकी आमदनी बढ़ती है, वैसे-वैसे अपना निवेश बढ़ाते रहें। आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे, उतने ही लंबे समय तक निवेश कर पाएंगे और कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ उठा पाएंगे।

3. सही निवेश विकल्प चुनें
अब सवाल यह है कि निवेश कहां करें? रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए आप VPF के जरिए EPF में अपना योगदान बढ़ा सकते हैं और एक अच्छा रिटायरमेंट फंड जोड़ सकते हैं। इसके अलावा आप NPS में निवेश करके अपने लिए रिटायरमेंट फंड और पेंशन दोनों का इंतजाम कर सकते हैं। वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर बुढ़ापे तक एक बड़ा फंड जोड़ सकते हैं। इसके अलावा आप PPF, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं के जरिए भी अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

4. महंगाई को ध्यान में रखें
रिटायरमेंट के बाद भी महंगाई आपके खर्चों को प्रभावित करेगी। इसलिए निवेश करते समय ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दें जो महंगाई दर से बेहतर रिटर्न दें। इसके लिए आप किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।

5. स्वास्थ्य बीमा लें
रिटायरमेंट के बाद आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी खर्च बढ़ जाते हैं, इसलिए इस खर्च को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। इनसे निपटने के लिए स्वास्थ्य बीमा लें। इससे आपको मेडिकल इमरजेंसी में आर्थिक मदद मिलती है और आपकी बचत सुरक्षित रहती है।

6. कर्ज से बचें
आपने अपनी जवानी में जो भी लोन लिया है, उसे रिटायरमेंट से पहले चुकाने की कोशिश करें, ताकि रिटायरमेंट के बाद आप पर किसी भी तरह का लोन चुकाने की जिम्मेदारी न रहे। ऐसा करने से आपकी रिटायरमेंट सेविंग्स पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा।