Bikaner पीबीएम में 150 उपकरण खराब, आईसीयू में वेंटिलेटर व मॉनिटर काम नहीं कर रहे

Bikaner पीबीएम में 150 उपकरण खराब, आईसीयू में वेंटिलेटर व मॉनिटर काम नहीं कर रहे
 
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेरपीबीएम हाॅस्पिटल में 150 से अधिक उपकरण खराब पड़े हैं। मेडिसिन आईसीयू में वेंटिलेटर और माॅनिटर दूसरे स्टाेर से मंगवाने पड़ रहे हैं। साेनाेग्राफी और एक्सरे मशीन तक काम नहीं कर रही है।दरअसल राज्य सरकार ने मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अस्पतालाें में उपकरणाें की मेंटिनेंस और रिपेयरिंग का काम सारिक्स कंपनी काे साैंप दिया है। पहले यह काम केटीपीएल के पास था।नई कंपनी आने से खराब उपकरणाें की शिकायतें बढ़ गई हैं। कारण उन्हें ठीक करने के लिए दक्ष इंजीनियराें की कमी बनी हुई है। मेडिसिन आईसीयू में वेंटिलेटर और माॅनिटर पंद्रह दिन से खराब पड़े हैं। खराब उपकरणाें की जगह दूसरे लगाए गए हैं, लेकिन यह भी खराब हाे गए ताे मरीजाें के लिए समस्या खड़ी हाे जाएगी। इसी प्रकार एक एक्सरे और साेनाेग्राफी मशीन भी खराब पड़ी है।

स्थिति ये है कि ऑपरेशन थिएटर में काम आने वाली पांच टेबल खराब हैं। इसके अलावा छाेटे-बड़े 150 से अधिक उपकरणाें के खराब हाेने की सूचना ई उपकरण पाेर्टल पर अपलाेड की गई है। संवेदक के इंजीनियर उन्हें देख ताे रहे हैं, लेकिन ठीक एक भी मशीन नहीं हाे पाई है। राहत की बात ये है कि सर्दी के माैसम में मरीजाें काे लाेड कम है। जानकारी के अनुसार सारिक्स कंपनी ने दक्षिण भारत से 12 इंजीनियर पीबीएम हाॅस्पिटल भेजे हैं, जाे राेज की कंप्लेंट देखेंगे। लेकिन कंपनी का सेटअप पूरी तरह नहीं बन पाया है। इसलिए ई उपकरण पाेर्टल पर मशीनाें की संख्या राेज बढ़ रही है।

लिनियर एस्सीलेटर खराब हाेने से 200 मरीजाें के सेक नहीं लगे

आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर रिसर्च सेंटर में लिनियर एस्सीलेटर मशीन दाे दिन-तीन दिन खराब रही। इससे कैंसर के करीब 200 मरीजाें के सेक नहीं लग पाए। कुछ मरीज मरीज पीबीएम अधीक्षक के पास भी पहुंचे। इस मशीन से राेज कैंसर के 100 मरीजाें की रेडियाेथैरेपी हाेती है। यह काेबाल्ट मशीन का अपग्रेड वर्जन है। कैंसर हाॅस्पिटल की कार्यवाहक निदेशक डाॅ. नीति शर्मा ने बताया कि मशीन महंगी हाेने के कारण उसकी सीएमसी कर रखी है। उसे ठीक करने के लिए कंपनी चंढ़ीगढ़ से इंजीनियर भेजा है। साेमवार काे मशीन फिर से पहले की तरह काम करने लगी है।

आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर रिसर्च सेंटर में लिनियर एस्सीलेटर मशीन दाे दिन-तीन दिन खराब रही। इससे कैंसर के करीब 200 मरीजाें के सेक नहीं लग पाए। कुछ मरीज मरीज पीबीएम अधीक्षक के पास भी पहुंचे। इस मशीन से राेज कैंसर के 100 मरीजाें की रेडियाेथैरेपी हाेती है। यह काेबाल्ट मशीन का अपग्रेड वर्जन है। कैंसर हाॅस्पिटल की कार्यवाहक निदेशक डाॅ. नीति शर्मा ने बताया कि मशीन महंगी हाेने के कारण उसकी सीएमसी कर रखी है। उसे ठीक करने के लिए कंपनी चंढ़ीगढ़ से इंजीनियर भेजा है। साेमवार काे मशीन फिर से पहले की तरह काम करने लगी है।