Sanchore के बाद अब Shahpura बचाने की जंग, संतों और धर्मगुरुओं ने संभाली जिला बचाओ आंदोलन की कमान

Sanchore के बाद अब Shahpura बचाने की जंग, संतों और धर्मगुरुओं ने संभाली जिला बचाओ आंदोलन की कमान
 

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के बनाए जिलों पर शुरू हुई सियासत अब धर्म सियासत तक पहुंच गई है.सांचौर से शुरू हुआ नया जिला बचाओ आंदोलन की तपिश अब भीलवाड़ा से अलग होकर बने शाहपुरा जिले में भी तेज हो गई है. ग्रामीणों और समाज के प्रबुद्ध लोगों ने आंदोलन का नेतृत्व अब संतों और धर्मगुरुओं के हाथों में सौंप दिया है. इस आंदोलन का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के जगद्गुरु आचार्यश्री रामदयाल महाराज करेंगे. इसे लेकर कल (29 सितंबर) की रात सभी समाज और संप्रदाय के लोगों की बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया.

धर्मगुरुओं को साथ लेकर आंदोलन की बनाई नई रूप रेखा

शाहपुरा में सरकार के खिलाफ बढ़ते आक्रोश के बीच सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और सभी समुदायों के धर्मगुरुओं को साथ लेकर आंदोलन की नई रूपरेखा तैयार की जा रही है. बीती रात अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के जगतगुरु श्री रामदयाल जी महाराज के सानिध्य में रामद्वारा में इसको लेकर बैठक हुई.बैठक में शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से संतों, महंतों और धर्मगुरुओं के मार्गदर्शन में आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया.

दर्जा बरकरार रखने की मांग

इस मुलाकात से पहले रविवार रात को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय की प्रमुख पीठ रामनिवास धाम में जगतगुरु आचार्यश्री रामदयाल महाराज से मुलाकात की. उन्होंने आचार्यश्री से शाहपुरा जिले को बचाने के आंदोलन का संरक्षक बनने की अपील की. ​​इस पर आचार्यश्री ने कहा कि ऐतिहासिक दृष्टि से परिपूर्ण शाहपुरा में शुरू से ही जिला बनने की क्षमता थी, लेकिन नियति का खेल ऐसा चला कि शाहपुरा से भी छोटे और अविकसित क्षेत्र को जिले का दर्जा मिल गया. समय-समय पर शाहपुरा विकास की दृष्टि से पिछड़ता गया. ऐसे में आशंका है कि धार्मिक ऐतिहासिक प्रदेश शाहपुरा एक साल पहले मिला जिला बनने का दर्जा खो सकता है. इसके लिए उन्होंने स्थानीय सांसद व अन्य बड़े राजनेताओं से भी शाहपुरा को जिला बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक उनका संदेश पहुंचाने को कहा है.

जगद्गुरु की सीधी बात, अनुशासनहीन नहीं हो आंदोलन

रामनिवास धाम में आचार्य श्री से मिलने आए क्षेत्र के राजनीतिक, सामाजिक एवं विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों से अनुशासित तरीके से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया गया. जगद्गुरु आचार्य रामदयाल ने कहा कि वे अनुशासित आंदोलन के पक्षधर हैं. वे अनुशासन में ही खड़े रहेंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि शाहपुरा जिले के अन्य क्षेत्र जैसे जहाजपुर, कोटडी, बनेडा आदि के निवासी भी इस मांग में समर्थन एवं सहयोग के लिए उनसे संपर्क करें. शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने उपरोक्त सुझावों पर अमल करते हुए आचार्य श्री के संरक्षण में आगे भी कार्य करने का आश्वासन दिया तथा क्षेत्र के सभी धर्म गुरुओं एवं संतों से इस मामले में सहयोग की अपील करने का निर्णय लिया.

गहलोत सरकार ने एक साल पहले बनाए थे नए जिलें

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों को खत्म करने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. नए जिले को बचाने के लिए सांचौर से शुरू हुई सुगबुगाहट से नवसृजित शाहपुरा जिला भी अछूता नहीं है. आंदोलन की शुरुआत 3 दिन पहले हुई थी। पिछले 3 दिनों से ज्ञापन, वाहन रैली और बैठकों का सिलसिला जारी है.