Ajmer राज्य में छठी से बारहवीं तक 20 प्रतिशत बदलेगा सिलेबस

Ajmer राज्य में छठी से बारहवीं तक 20 प्रतिशत बदलेगा सिलेबस
 
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर राज्य में छठी से बारहवीं तक 20 प्रतिशत तक सिलेबस बदलेगा। विद्यार्थियों को आईटी, एआई के साथ संस्कृति, इतिहास और स्वास्थ्य जागरुकता की शिक्षा दी जाएगी। यह बात राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष और वर्धमान महावीर खुला विवि और महर्षि दयानंद सरस्वती विवि के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कही। उन्होंने कहा कि समयानुकूल विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आईटी, उद्यमिता सहित अन्य पढ़ाई जरूरी है। बच्चे और युवा पिज्जा, चाइनीज, फ्रेंच फास्ट फूड के पीछे दौड़ रहे हैं। उन्हें भारतीय खान-पान से रूबरू कराना जरूरी है। मौजूदा एनसीईआरटी की पुस्तकों में अच्छी सामग्री है। केवल छठी से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में 15 से 20 प्रतिशत तक नए बिंदू जोड़े जाएंगे। हमारी कमेटी की प्रारंभिक बैठक हुई है। पुस्तक लेखन के लिए 100 लेखकों की सूची बनाई है। दिसम्बर तक हम सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।

ताकि जुलाई में जारी हो किताबें

प्रो.सोडाणी ने कहा कि समिति दिसम्बर में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। इसमें पाठ्यक्रम में लोक कल्याण, संस्कृति, डिजिटल, साइबर, कंप्यूटर ज्ञान सहित अन्य बिंदू शामिल किए जाएंगे। चयनित लेखकों को एसआईआरटी उदयपुर बुलाकर पुस्तकें तैयार कराएंगे। ताकि जुलाई तक नए पाठ्यक्रम की किताबें प्रिंट होकर विद्यार्थियों तक पहुंच जाए। पहली से पांचवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम में शत-प्रतिशत बदलाव किया जा सकता है।मदस यूनिवर्सिटी में शैक्षिक पिछड़ेपन के सवाल पर प्रो.सोडाणी ने कहा कि दो साल से नैक ग्रेड अपडेट नहीं हुई है। रिसर्च को लेकर सुपरवाइजर की शिकायतें मिली हैं। इसमें सुधार किया जाएगा। शिक्षकों-विभागाध्यक्षों और अधिकारियों की बैठक में इसकी समीक्षा होगी। यूनिवर्सिटी के कैश काउंटर को डिजिटल बनाया जाएगा। यूनिवर्सिटी में अंतर विवि सांस्कृतिक, खेलकूद अथवा कॉन्फ्रेंस कराएं ताकि युवाओं को फायदा मिले।