Ajmer नौलखा के ग्रामीणों ने जल संसाधन मंत्री के आवास पर दिया धरना

Ajmer नौलखा के ग्रामीणों ने जल संसाधन मंत्री के आवास पर दिया धरना
 
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर ईआरसीपी के तहत प्रस्तावित मुहामी स्थित मोर सागर बांध की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर नौलखा के ग्रामीणों ने विरोध जताया है। गांव से विस्थापन की आंशका को लेकर नौलखा के ग्रामीण मंगलवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के घर पंहुच कर धरने पर बैठ गए। विधानसभा सत्र चलने के कारण रावत जयपुर थे। उधर, ग्रामीण रावत को मौके पर बुलाकर आश्वस्त करने के बाद ही धरना खत्म करने की बात पर अड़े रहे। बाद में फोन पर सुरेश रावत से मसले का हल निकालने का आश्वासन मिलने के बाद धरना खत्म किया गया। गौरतलब है कि ईआरसीपी के तहत बीसलपुर बांध की तरह मोर सागर पर भी कंक्रीट का बांध बनेगा। जिसकी भराव क्षमता 200 मिलियन क्यूबिक मीटर व फैलाव करीब 5 किमी तक किया जाना प्रस्तावित है। इसी आंशका को लेकर ग्रामीणों ने मंत्री रावत के घर धरना देकर बांध का फैलाव कम करने की मांग की। ग्रामीणों के अनुसार बांध का फैलाव 5 किमी होने की स्थिति में पूरा नौलखा गांव इसकी जद में आएगा।

फोन पर मिला आश्वासन

ग्रामीणों के धरने को लेकर मंत्री के भाई कुन्दन सिंह रावत ने समझाइश करने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। बाद में भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह रावत व कुन्दन सिंह रावत ने फोन पर सभी ग्रामीणों से लाउडस्पीकर पर सुरेश रावत से बात करवाई। रावत द्वारा ग्रामीणों को 10 अगस्त तक समस्या का समाधान करने का आश्वासन देने के बाद ग्रामीण धरने से उठे।

विस्थापित होने की आशंका

नौलखा निवासी भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि ग्रामीण ईआरसीपी का विरोध नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण भविष्य में तालाब में पानी आने और सिंचाई का पानी खेतों में मिलने से काफी उत्साहित थे, लेकिन उन्हें आशंका है कि यदि तालाब की ऊंचाई 5 किलोमीटर भराव क्षमता की होती है, तो ग्रामीणों को विस्थापित होना पड़ेगा। इसी डर से ग्रामीण मंत्री सुरेश सिंह रावत के घर विरोध जताने पहुंचे। उन्होंने बताया कि मंत्री ने दूरभाष पर भरोसा दिलाया है कि 10 अगस्त तक वह ग्रामीणों के साथ बैठकर मस