Alwar प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं के मामले में जिला टॉप-3 में शामिल

Alwar प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं के मामले में जिला टॉप-3 में शामिल
 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर भले ही अलवर को चार टुकड़ों में बांट दिया हो, लेकिन माथे से अपराध का कलंक नहीं मिट पा रहा। बलात्कार जैसे संगीन अपराध को लेकर अलवर आज भी नकारात्मक सुर्खियों में बना रहता है। यहां हर साल बलात्कार के करीब 300 प्रकरण पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो रहे हैं। बलात्कार का ये आंकड़ा अलवर को प्रदेश में टॉप-3 जिलों में शामिल किए हुए है।अलवर में अप्रेल-2019 में थानागाजी गैंगरेप की घटना हुई। जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस घटना के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर को क्रिटिकल मानते हुए यहां दो पुलिस जिले बनाने की घोषणा की। 15 अगस्त 2019 को अलवर के टुकड़े कर भिवाड़ी नया पुलिस जिला बना दिया। राज्य सरकार ने अगस्त 2023 में अलवर के टुकड़े कर खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ दो नए जिले बना दिए। वर्तमान में पुराने अलवर में चार एसपी बैठ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस बलात्कार जैसे संगीन अपराधों पर लगाम नहीं लगा पा रही।

44 महीनों में 1098 बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए : अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले अलवर जिले हर साल करीब 12 हजार आपराधिक मामले दर्ज होते हैं। पिछले 44 महीनों में 1098 बलात्कार के प्रकरण पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। ये आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है और प्रदेश में टॉप जिलों में है। यदि पुराने अलवर के हिसाब से आकलन करें तो बलात्कार का आंकड़ा दोगुना से भी ज्यादा है। बलात्कार और पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में शिकायत मिलते ही तुरंत एफआईआर दर्ज की जाती है। प्रकरणों में गहनता से अनुसंधान करते हुए चालान व एफआर न्यायालय में पेश की जाती है। साथ ही अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।

जिले में दर्ज बलात्कार के प्रकरण

साल बलात्कार

2021 265

2022 285

2023 299

2024 249

(नोट - जनवरी 2021 से अगस्त 2024 तक के आंकड़े)

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में जनवरी 2021 से जून 2024 तक नाबालिग बच्चियों से यौन हिंसा और पोक्सो एक्ट के 14 हजार 731 प्रकरण पुलिस थानों में दर्ज हुए। नाबालिग बच्चियों से यौन हिंसा और पोक्सो एक्ट के मामलों में अलवर जिला प्रदेश में पहले नम्बर पर है। अलवर जिले में नाबालिग बच्चियों से यौन हिंसा और पोक्सो एक्ट के वर्ष 2021 में 135, वर्ष 2022 में 159 और वर्ष 2023 में 188 प्रकरण दर्ज हुए। जून 2024 तक 104 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।