Alwar 3 घंटे तक डिजिटल गिरफ्त में रही गूगल की महिला इंजीनियर, ठगी से बची

Alwar 3 घंटे तक डिजिटल गिरफ्त में रही गूगल की महिला इंजीनियर, ठगी से बची
 

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  साइबर ठगों की ओर से शहर के मनुमार्ग निवासी 30 वर्षीय महिला आर्शी शर्मा सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखे जाने मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने महिला को एक कमरे में बंद रहने ओर किसी से बातचीत नहीं करने की हिदायत दी। साइबर ठगों ने महिला को उसके आतंकी संगठनों से संपर्क होने, उनसे फंडिंग मिलने सहित मनी लान्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। साथ ही ईडी, सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसियों के नाम लेकर धमकाया।

इसी दौरान महिला का पति घर पर पहुंचा। महिला ने अपने पति की सायबर ठगों से बात कराई। आरोपियों ने पति से बोला कि ज्यादा होशियारी मत दिखाओ अन्यथा अभी पुलिस की गाड़ी पहुंचेगी और जेल जाओगे। आरोपियों ने महिला के पति को भी करीब 1 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रख उससे पूछताछ की। इसी बीच महिला की तबीयत खराब हो गई। शेष पेज|14 पर साइबर ठगों ने हैदराबाद पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी व ईडी अधिकारियों बनकर फोन पर अलग-अलग लोगों से बात करवाई और आर्शी को वीडियो कॉल पर गवाही देने के लिए बोला गया। उन्होंने महिला को व्हाटसएप पर अरेस्ट वारंट सहित अन्य दस्तावेज भेजे। यह देखकर पीड़िता उनकी बातों पर विश्वास करती रही।

वहीं साइबर ठग वीडियो कॉल पर आतंकी संगठनों से फंडिंग मिलने, आतंकी संगठनों के लिए काम करने, मनी लान्ड्रिंग केस में फंसाने सहित कई तरह की धमकियां देने लगे। यह सुनकर आर्शी की तबीयत खराब होने लगी और रोने लगी। ठगों की बात सुनकर वो सदमे में आ गई। यह देखकर उनके पति ने तुरंत फोन काट दिया। महिला इंजीनियर आर्शी ने बताया कि वीडियो कॉल पर पुलिस थाने की फोटो और वीडियो नजर आ रही थी। साइबर ठग पुलिस की ड्रेस में उसे धमकी दे रहे थे कि यदि फोन काट दिया तो उसके बेटे को काट देंगे और पति गिरफ्तार कर लेंगे। ठगों ने कहा तुम हिजबुल्ला व तालिबानी आतंकी संगठन के लिए फंडिंग करते हो। कैनरा बैंक हैदराबाद में उसके नाम से खुले बैंक खाते में नरेश गोयल ने मनी लान्ड्रिंग का पैसा उसके खाते में डाला था। घटना के बाद से पीड़िता व परिजन सदमे में है।मेरे संज्ञान में यह घटना नहीं है। यह साइबर फ्रॉड का मामला है। रिपोर्ट पेश करने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।^पीड़िता व उसके परिवार के लोगों ने साइबर थाने आकर मौखिक रूप डिजिटल अरेस्ट करने और ठगी की वारदात बचने के बारे में अवगत कराया था। लेकिन, उन्होंने अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।