राजस्थान के इस जिले का होगा निरस्तीकरण, भजनलाल सरकार का फैसला
भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, तीस लाख की आबादी का भीलवाड़ा जिला महज 11 माह में अठारह लाख का रह गया है। शाहपुरा उपखंड को नया जिला बनाने से आए बदलाव से भीलवाड़ा जिले की भौगोलिक सरंचना बदल गई। प्राकृतिक व पुरा सम्पदा का भी बंटवारा हो गया। हालांकि प्रदेश में नवगठित जिलों की पुनर्समीक्षा के लिए प्रशासनिक समिति बनाई गई है। इसमें शाहपुरा को फिर उपखंड मुख्यालय बनाने की चर्चा है।
अटकलों का बाजार गरम
भजनलाल शर्मा सरकार ने हाल ही पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में गठित 19 जिलों के नए सिरे से समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। चर्चा है कि शाहपुरा समेत नए नौ जिलों के गठन की पुन: समीक्षा हो सकती है। ऐसे में शाहपुरा के पुन: उपखंड मुख्यालय में तब्दील होने की संभावना है। राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में शाहपुरा के गठन को लेकर बजट के मद्देनजर अटकलों का दौर गरम है।
जिले के सभी मापदंड पूरे करता है शाहपुरा
जिले होने के सभी मापदंडों पर शाहपुरा खरा उतरता है। जनता की मांग पर ही जिला बना है। मुख्यमंत्री से मिलकर तथ्य व जनता की मंशा बता चुका हूं। प्रशासनिक समिति के संयोजक उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा व टीम के समक्ष भी पैरवी की है। सभी चाहते हैं कि शाहपुरा जिला बना रहे।
जानकारी नहीं, पता लगाऊंगा
इस संदर्भ में मुझे किसी से कोई बात नहीं हुई है। तथ्यात्मक जानकारी लेने पर ही स्थिति स्पष्ट कर पाऊंगा
फैसले का सम्मान करेंगे
राज्य सरकार की कमेटी की रिपोर्ट पर काफी कुछ निर्भर है। सरकार अच्छा निर्णय करेगी। हम फैसले का सम्मान करेंगे।