लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बढ़ेगा BJP परिवार, अब ये पूर्व विधायक होगा पार्टी में शामिल

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बढ़ेगा BJP परिवार, अब ये पूर्व विधायक होगा पार्टी में शामिल
 

सीकर न्यूज़ डेस्क,  लोकसभा चुनाव के रण के बीच भाजपा का पूरा फोकस कुनबा बढ़ाने पर है। फतेहपुर व झुंझुनूं के कई वरिष्ठ नेताओं की भाजपा में वापसी से सियासी समीकरण बदल गए है। पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक, प्रधान, जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों सहित 314 नेताओं ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इनमें पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया व नंदकिशोर महरिया, मधुसूदन भिंडा, राजेन्द्र भामू, पिलानी से पूर्व प्रत्याशी कैलाश मेघवाल सहित अन्य नेता शामिल हैं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेश सह- प्रभारी विजया राहटकर, जॉइनिंग कमेटी के संयोजक अरूण चतुर्वेदी ने सदस्यता ग्रहण कराई। महरिया व भिण्डा की घर वापसी के लिए भाजपा में पिछले कई दिनों से चर्चाओं का दौर जारी था। पिछले दिनों भी सदस्यता का कार्यक्रम था, लेकिन आखिरी समय पर रद्द हो गया था। मीडिया से बातचीत करते हुए महरिया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के कुछ ही महीनों में ऐतिहासिक काम हुए हैं। शेखावाटी के लिए यमुना जल समझौता होना और ईआरसीपी जैसी योजना बहुत बड़े कार्य है। यमुना पानी की सौगात से भविष्य में बहुत फायदा मिलना है। महरिया ने कहा कि झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को मजबूत करने का काम करेंगे। इस दौरान रामनिवास सैनी, जगदीश राड, इस्लाम खान, सूर्य प्रकाश शर्मा, सुरेश टिड्डा, संदीप भडिया, महेंद्र सैनी, आसिफ खान, ललित गोस्वामी, विनोद महला सहित कई लोग मौजूद रहे। पूर्व विधायक महरिया व भिण्डा भाजपा में शामिल होकर फतेहपुर पहुंचे। इस दौरान पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामनिवास सैनी, पूर्व जिला महामंत्री इस्लाम खान, पूर्व देहात अध्यक्ष विनोद महला, जगदीश राड, पूर्व रामगढ मंडल अध्यक्ष यतीन्द्र पारीक और पार्षद अनिल ढंड का भी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

21 वर्ष की राजनीतिक अदावत भूलकर साथ हुए भिंडा-महरिया

महरिया और भिण्डा की राजनीतिक अदावत 22 साल पुरानी है। जब दोनों ने ही एक दूसरे को राजनीतिक शिकस्त देने के लिए चार बार विधानसभा के चुनाव आमने-सामने लड़े। सन 2003 और 2008 में नंदकिशोर महरिया भाजपा की टिकट लेकर आए तो पूर्व विधायक बनवारीलाल भिंडा ने उनके सामने ताल ठोक दी और महरिया को हार का सामना करना पडा। 2013 में मधुसूदन भिण्डा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया तो नंदकिशोर महरिया ने निर्दलीय रूप में चुनाव लडकर जीत हासिल की। 2023 में नंदकिशोर महरिया और मधुसूदन भि ंडा दोनों ने ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडा और पराजित हुए।