Jaipur में 12 से 18 साल के बच्चे बनेंगे पार्षद, लोगों को करेंगे जागरूक

Jaipur में 12 से 18 साल के बच्चे बनेंगे पार्षद, लोगों को करेंगे जागरूक
 
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राइजिंग राजस्थान और स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले स्वच्छता से आमजन और खासकर बच्चों को जोड़ने के लिए नगर निगम हेरिटेज की ओर से 'कौन बनेगा बाल पार्षद' अभियान लॉन्च किया गया है। इसके तहत 12 से 18 साल के बच्चों को पार्षद बनाया जाएगा। ये बच्चे घर-घर जाकर स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।हेरिटेज निगम की महापौर कुसुम यादव ने डिजिटल बाल मेला और फ्यूचर सोसायटी की तत्वावधान में किशनपोल बाजार स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय में इस अभियान को लॉन्च करते हुए कहा कि बच्चों को स्वच्छता के साथ जोड़ना बेहद जरूरी है। बच्चे जब स्वच्छता के अभियान के भागीदार बनेंगे तो घर और मोहल्ला साफ रहेगा। धीरे-धीरे बच्चे ही पूरे शहर में स्वच्छता की अलख जगाएंगे और पूरा शहर साफ रहेगा।

बच्चे घर और मोहल्ले में बताएंगे सफाई क्यों जरूरी

महापौर कुसुम यादव ने कहा कि हर बच्चे को अपने घर में माता- पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को यह बताना होगा कि सफाई क्यों जरूरी है। साथ ही कचरा एकत्रित करने वाली गाड़ी में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालना चाहिए। उन्होंने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि कचरे को किसी खाली प्लॉट या घर के बाहर नहीं फेंकना चाहिए। कुसुम यादव ने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य है।यादव ने कहा कि अगले माह राइजिंग राजस्थान समिट होने जा रहा है। ऐसे में शहर को साफ रखने में बच्चों की जिम्मेदारी भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके साथ ही उन्होंने अभियान के पोस्टर को लॉन्च करते हुए डिजिटल बाल मेला टीम को बधाई दी। डिजिटल बाल मेला की जाह्नवी शर्मा ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान में 12 से 18 वर्ष के विद्यार्थी भागीदार बन सकते हैं। आने वाले समय में हेरिटेज निगम के अलग-अलग वार्ड में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होगी। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य खामोश मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

बाल पार्षदों का विशेष सत्र होगा आयोजित

फ्यूचर सोसायटी की रविता शर्मा ने बताया कि डिजिटल बाल मेला की ओर से विधानसभाओं में बाल सत्र आयोजित किए जाते रहे हैं, जहां बच्चे मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक बनकर अपने मुद्दों को सरकार तक पहुंचा चुके हैं। ऐसे में अब बच्चों को पार्षद बनने का मौका मिलेगा। करीब दो माह तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की कड़ी के बाद बाल पार्षदों की एक विशेष सभा आयोजित होगी। जिसमें बच्चे पार्षदों की तरह शहर के विकास के मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे।