Chittorgarh वरिष्ठ शिक्षक अपने पदों पर बने रहेंगे, कनिष्ठों के पद हिलेंगे

Chittorgarh वरिष्ठ शिक्षक अपने पदों पर बने रहेंगे, कनिष्ठों के पद हिलेंगे
 
चित्तौड़गढ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ प्रदेश की सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों की समायोजन प्रक्रिया में पहले से नियुक्त कर्मचारियों की सीट सुरक्षित रहेगी। कार्यग्रहण के आधार पर वरिष्ठ मानते हुए उन्हें मौजूदा स्कूल में ही यथावत रखा जाएगा। जबकि बाद में नियुक्त शिक्षक को अधिशेष मानते हुए दूसरे स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। इसमें भी उन्हें खाली पदों के आधार पर पहले उसी स्कूल और बाद में उसी राजस्व गांव, ग्राम पंचायत, ब्लॉक या नजदीकी ब्लॉक में प्राथमिकता से नियुक्ति दी जाएगी। समायोजन में सबसे बड़ी शंका शिक्षकों में काउंसलिंग को लेकर है। जिसके बारे में शिक्षा निदेशालय की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर शिक्षकों में पक्षपात होने की आशंका गहरा रही है।

वर्ष 2015 के मापदंड से नियुक्ति

समायोजन वर्ष 2015 में कक्षा व नामांकन के आधार पर तय कर्मचारियों की संया के मापदंड के आधार पर ही होगा। यानी कक्षा एक से 12 तक की स्कूल में 12 सेक्शन पर एक प्रधानाचार्य, पांच व्यायाता, तीन लेवल-2, दो लेवल-1 तथा एक शारीरिक शिक्षक नियुक्त होंगे। इसी तरह कक्षा 6 से 12 स्कूल में लेवल-1 का शिक्षक नहीं होने पर 12 तथा 9 से 12 स्कूल में लेवल-1 व 2 दोनों के शिक्षक नहीं होने पर न्यूनतम 9 शिक्षक कार्यरत होंगे। इसी तरह अलग-अलग कक्षाओं वाली स्कूलों में नामांकन व कक्षाओं के आधार अलग-अलग पद तय होंगे।

काउंसलिंग नहीं उठे सवाल

समायोजन के आदेश में अधिशेष शिक्षकों को नजदीकी स्कूल में समायोजित करने का तो जिक्र है पर काउंसलिंग से पदस्थापन का नहीं। इसकी वजह से शिक्षकों को पदस्थापन में गड़बड़ी की आशंका है। वहीं, विधवा, परित्यक्ता, बीमार व गंभीर बीमार शिक्षकों को उससे लाभ नहीं मिल पाएगा।2015 के स्टाफिंग पैटर्न के मापदंड के अनुसार पद स्वीकृत मानने के बाद अतिरिक्त बचे शिक्षक व कर्मचारी अधिशेष होंगे। हिंदी माध्यम स्कूलों में एक ही पद पर ज्यादा शिक्षक या कर्मचारी होने पर बाद में कार्यग्रहण करने वाले कर्मचारी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयनित कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद कार्यग्रहण करने के पहले से मौजूद कर्मचारी तथा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कप्यूटर अनुदेशक या बैसिक कप्यूटर अनुदेशक के कार्यग्रहण की वजह से पहले से नियुक्त शिक्षक अधिशेष होंगे। न्यायिक प्रकरण में स्टे प्राप्त कर्मचारी अधिशेष नहीं होगा। जबकि इस वजह से संबंधित पद पर अन्य पदस्थापित कर्मचारी अधिशेष माना जाएगा।