Churu खेत में आशियाना नहीं बनाए जाने से किसानों का सपना अधूरा

Churu खेत में आशियाना नहीं बनाए जाने से किसानों का सपना अधूरा
 
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू  जिले में किसानों के आवास बनाने का सपना पूरा नहीं होने से वे अब निराश हो रहे हैं क्योंकि किसानों को सहकार ग्राम आवास योजना का फायदा नहीं मिल रहा है। इसकी खास वजह योजना में पात्रता के लिए बिना जमीनी हकीकत के शर्तों की अनिवार्यता लागू करना है जिसका नतीजा है कि योजना के शुरू होने के बाद भी अब तक नाम मात्र के किसानों को ही योजना का लाभ मिल सका है।योजना तहत पात्र किसानों को 50 लाख रुपए का ऋण मिलना था। साथ ही आवेदन किसान की भूमि किसी बैंक या संस्था के पास गिरवी नहीं होने की अनिवार्यता रखी गई है जबकि हकीकत यह है कि अधिकांश किसानों की भूमि किसी न किसी संस्था या बैंक के पास गिरवी है और कई किसान आयकर रिटर्न ही नहीं भरते है। चूरू जिले में इस योजना के तहत कुछ किसानों को ही राशि स्वीकृत हुई है जबकि चूरू जिले में 12 सहित प्रदेश में करीब 150 किसानों को योजना का लाभ मिल पाया है। योजना के तहत 50 लाख रुपए तक का ऋण तीन किस्तों में दिया जाना था। ऋण चुकाने की अवधि 15 साल तय की गई है। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को ब्याज पर पांच प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान है। जिसके तहत पात्र किसान को महज 6 प्रतिशत पर मकान बनाने के लिए ऋण राशि दी जानी थी।

ये किसान ही पात्र

सहकार ग्राम आवास योजना में आवेदन करने के लिए केवल भूमि धारक किसान ही पात्र होंगे। किसान के पास खेती योग्य खुद की भूमि होनी चाहिए। उसका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। इस योजना में आवेदन करने के लिए अपनी नजदीकी बैंक में जाना होगा। किसानों को इस ऋण को चुकाने के लिए भी 15 साल का लंबा समय दिया जा रहा है। इसके लिए केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबन्ध निदेशकों को 75 करोड़ रुपए से ज्यादा का लक्ष्य दिया गया है।इस वर्ष के लक्ष्य के लिए एक करोड़ 8 लाख रुपए आवंटित हुए हैं जो मार्च 25 तक उपयोग लेने हैं। गत वर्ष एक करोड़ 12 लाख मिले थे जिससे 12 जनों को लाभान्वित किया गया था। शाखा प्रबन्धकों को निर्देशित करेंगे।