Jhunjhunu केवीके आबूसर व दादिया में किसानों ने समझे खेती के तरीके
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, रामकृष्ण-जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा वित्त पोषित एवं ग्राम जल ग्रहण समिति मालुपुरा की ओर संचालित नॉन वाटरशेड परियोजना के तहत 38 प्रगतिशील किसानों के दल ने केवीके आबूसर और दादिया (सीकर) का दौरा किया। संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने बताया कि यह भ्रमण दल मुय रूप से परियोजना के तहत बगीचे एवं प्रदर्शन खेत में नवाचार अपनाने के उदेश्य से कराया गया था। इस भ्रमण दल में मुय रूप से प्रगतिशील किसानों का चयन किया गया जो नवीनतम कृषि तकनीकियों को अपनाकर भविष्य में जल संरक्षण कर खेती को बढ़ावा दे सकें। जिससे कि जल संकट की स्थिति में विशेष रूप से सीमांत एंव लघु किसान अपनी आजीविका और जीवन यापन संबधित मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहे। भ्रमणकारी दल को कृषि एवं वानिकी समन्वयक शुबेंद्र भटट् की अगुवाई में रवाना किया गया।
भटट् ने बताया कि केवीके के वैज्ञानिक डॉ.दयानंद ने सभी किसानों से अपने विचार साझा करते हुए पानी के घटते स्तर को देखते हुए खेती को नवाचार के माध्यम से करने की जानकारी दी। साथ ही पॉलीहाउस में टमाटर की खेती, ग्रीनहाउस में गोभी की खेती, साथ ही वहां लगे बेर की बगीचा, मीठा सहजना, नेपीयर घास के साथ साथ थारशोभा खेजड़ी का बगीचा दिखाकर जानकारी प्रदान की। केवीके के वैज्ञानिक डॉ.रशीद, डॉ.प्रदीप ने भी विचार रखें। दादिया (सीकर) की प्रगतिशील किसान संतोष देवी के खेत का भ्रमण किया गया। सेव और अनार का बगीचा देखा। मालुपुरा ग्राम जल ग्रहण समिति के महताब योगी, भगवानाराम, धर्मादेवी, सजना देवी, जयसिंह, गुलझारी, अजय बलवदा, बलवान सिंह, राकेश महला, मानसिंह आदि मौजूद थे।