Kota दशहरा मैदान में व्यू टनल में दिखेगी मछलियों की अठखेलियां, लगेगा मेला

Kota दशहरा मैदान में व्यू टनल में दिखेगी मछलियों की अठखेलियां, लगेगा मेला
 

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा मेले को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही है। दशहरा मैदान में झूले लगना शुरू हो चुके है। इस बार कई अलग चीजें देखने को कोटावासियों को मिलेगी। 131वें राष्ट्रीय मेला दशहरा में अंडरवाटर का अहसास रोमांचित कर देगा। मेला परिसर में एक नए आकर्षण के तौर पर 180 डिग्री व्यू टनल बन रही है, जिसमें दो सौ से अधिक प्रजातियों की रंग -बिरंगी मछलियों की अठखेलियां नजर आएंगी। टनल से गुजरने पर गहरे समुद्र के अंदर पनडुब्बी में रहने जैसा एहसास होगा।यहां भारतीय प्रजातियों के अलावा मलेशिया और सिंगापुर से भी मछलियों की प्रजातियां लाई जा रही है, जहां आधे इंच से लेकर 3 फीट तक की मछलियां दिखाई देंगी। टनल के अंदर कॉपर, ऑस्कर, कोई कॉरपस, शार्क पिराना, शार्क एलबिनो, टिन फॉयल, एंजिल्स, कलरफुल पैरेट, टेट्रा ओरिजीनस, एलीगेटर, गोल्ड फिशेज, रेड रूकीन, सब्सट्रैक्ट्स, पफर, स्क्रेट, टाइगर बार्ब्स समेत विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलेगी। टनल बनाने के लिए फिलहाल वातानुकूलित डोम तैयार कर दिया गया है। टनल से निकलने के बाद फिश एक्वेरियम भी लगाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न प्रजाति की मछलियों को रखा जाएगा।

रामायण पाठ 3 अक्टूबर से
नवरात्र स्थापना के साथ ही नगर निगम परिसर में रामायण का पाठ होगा। मेले में आने वाले नागरिकों के वाहनों की सुरक्षा के लिए पार्किंग में चाक-चौबंद इंतजाम किए जाएंगे। मेला समिति मेले को लेकर तैयारियों के आखिरी दौर में है। नेता प्रतिपक्ष और मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि दशहरा हमें भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात करने को प्रेरित करता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए मेला समिति ने निगम परिसर में स्थित मंदिर में 3 अक्टूबर से रामायण पाठ के शुभारंभ का निर्णय लिया है।

पाठ की पूर्णाहुति 10 अक्टूबर को होगी, जिसके बाद सुंदर कांड पाठ का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले लोगों की शिकायत रहती है कि अधिकृत पार्किंग में भी उनके वाहन सुरक्षित नहीं रहते। इसको देखते हुए पार्किंग ठेकेदार को पाबंद किया गया है कि अगर पार्किंग से कोई वाहन गायब होता है तो नुकसान के भरपाई की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी। पार्किंग में रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे, सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। वहां धूल नहीं उड़े इसके लिए प्रतिदिन छिड़काव भी करवाया जाएगा।