Jodhpur विस्तारीकरण नहीं हुआ तो 8-10 साल में खत्म हो जाएगा जोधपुरी पत्थर

Jodhpur विस्तारीकरण नहीं हुआ तो 8-10 साल में खत्म हो जाएगा जोधपुरी पत्थर
 

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर जोधपुरी पत्थर की पहचान देश में ही नहीं बल्कि विदेश तक है। लेकिन पिछले 20 साल में नया एरिया नहीं आने से इसी पहचान के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। राइजिंग राजस्थान में हर प्रकार के निवेश के लिए सरकार तैयारी कर रही है, लेकिन हमारे यहां की पहचान पत्थर उद्योग के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे।शहर के आस-पास वर्तमान में माइनिंग के एरिया में जो सैंड स्टोन का स्टॉक है, वह सीमित है। यदि विस्तार नहीं हुआ तो जोधपुरी पत्थर 8-10 साल बाद खत्म हो जाएगा। जोधपुरी पत्थर सिर्फ मारवाड़ ही नहीं सात समंदर पार भी काफी प्रसिद्ध है। इसकी चमक फीकी हो सकती है। खनिज के भंडार सीमित हैं, लेकिन उस भंडार पर नगरीय निकायों ने कॉलोनी काट दी है। पत्थर व माइनिंग से जुड़े उद्यमी नए क्षेत्र के लिए प्रयास कर रहे हैं।

रॉ मेटेरियल बाहर जा रहा

प्रदेश का माइनिंग रॉ मेटेरियल बाहर जा रहा है। यहां पॉलिसी के कारण नए उद्योग नहीं लग पाते। टैक्स व बिजली समस्या बनी हुई है। गुजरात में उद्यमियों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं।

जमीन माइनिंग विभाग को मिले

खनिज उद्योग का विकास होगा तो 20 हजार से ज्यादा नया रोजगार आ सकता है। जिस जमीन पर माइनिंग हो सकती है वह विभाग के अधीन करनी चाहिए।

बड़ा राजस्व व रोजगार मिलेगा

माइनिंग और स्टोन इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाए। रोजगार पैदा होंगे। नया एरिया मिलना चाहिए। खनिज के भंडार पर कॉलोनी काट दी गई है।