Jalore जिले से जुड़े अहम प्रोजेक्ट आज भी कागजों में रेंग रहे
1- मेडिकल कॉलेज
मेडिकल जिलों से वंचित जालोर जिले के लिए यह घोषणा पिछले बजट में हुई और 350 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ। कार्य के लिए शिलान्यास हुआ, लेकिन अब यह काम बंद पड़ा है। मेडिकल कॉलेज के लिए लेटा में भूमि चिह्नित की गई थी।
4-जयपुर-दिल्ली तक कनेक्टिविटी
जालोर से सर्वाधिक यात्रियों की आवाजाही जयपुर और दिल्ली तक होती है। आजादी के बाद से आज तक स्थायी सीधी टे्रन न तो जयपुर के लिए न ही दिल्ली के लिए है। केवल एक स्पेशल रेल सेवा वर्तमान में जयपुर तक के लिए है। वहीं दिल्ली के लिए भी टे्रन नहीं है।
5-जालोर-सिरोही-सांचौर की कनेक्टिविटी
नया जिला बनने से पहले ही तीनों जिलों की कनेक्टिविटी के लिए नेशनल हाइवे की मांग उठी थी। जालोर की न तो सिरोही से न ही सांचौर से बेहतर कनेक्टिविटी है। जबकि पूर्व में रोहट-जालोर-भीनमाल-करड़ा-सांचौर तक एक एनएच का सर्वे हो चुका है।
6-जालोर किले तक सडक़ का कार्य
जालोर किले तक सडक़ निर्माण के लिए भी पिछली सरकार ने 27 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। कार्य के लिए शिलान्यास किया गया और एजेंसी ने काम भी शुरु कर दिया। लेकिन उसके बाद प्रोजेक्ट पर सरकार ने कुंडली मार ली। इस मामले में वन विभाग ने अलाइनमेंट बदलने का हवाला दिया।