Jaipur फूड और जिम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन शरीर में बीमारियों का बना रहा घर
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स
मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में जांचे गए 36 प्रोटीन पाउडर में से 70 प्रतिशत में गलत जानकारी पाई गई। कुछ ब्रांड्स ने जितना प्रोटीन होने का दावा किया, उसका असल में आधा ही पाया गया। सप्लीमेंट्स के 8 प्रतिशत सैंपल में कीटनाशक पाए गए।इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने हाल ही जिम जाने वालों को प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन से बचने की हिदायत दी है। अगर लंबे समय तक प्रोटीन पाउडर का ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो हड्डियों में कैल्शियम की कमी और किडनी तक खराब होने का खतरा बढ़ सकता है।
संतुलित आहार के लिए ये खाएं
संतुलित आहार (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट) की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक भोजन, अंडे, सोया, दाल, दही, चने, मूंगफली, पनीर, सूखे मेवे, हरी सब्जियां और फलों को अपने आहार मे शामिल करें और प्रक्षिशित ट्रेनर की देखरेख में नियमित एक्सरसाइज़ करें।
सप्लीमेंट से इन बीमारियों का खतरा
जिम में लगातार 5 से 6 घंटे तक वर्कआउट कर रहे हैं तो अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन इंसेंटिव वर्कआउट करने वालों की डाइट में प्रोटीन युक्त आहार शामिल है तो सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती। पोषक तत्व युक्त प्राकृतिक खाद्य सामग्री के अभाव में सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह से ही लें। डाइट में मिनरल्स, आयरन, कैल्सियम, प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति करने वाले खाद्यन्न सामग्री शामिल करें। पोषक तत्वों की कमी के कारण कम हीमोग्लोबिन के 10-15 केस आ रहे हैं।