Jaipur अब पीकेसी-ईआरसीपी का नाम होगा राम जल सेतु लिंक परियोजना, CM ने की घोषणा
पहले ERCP, फिर PKC और अब राम जल सेतु लिंक परियोजना
पानी और सिंचाई के इस प्रोजेक्ट का नाम पहले पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट( ERCP) था। सरकार बदलने के बाद इसका नाम बदलकर पार्वती काली सिंध चंबल लिंक परियोजना(PKC) किया गया और अब इसे राम जल सेतु लिंक परियोजना के नाम से जाना जाएगा।
17 दिसंबर 2024 को पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण
पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर 2024 को जयपुर के पास हुए समारोह में नई पार्वती काली सिंध चंबल लिंक परियोजना का लोकार्पण किया था। इस मौके पर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू भी हुए थे। पीकेसी पर पहले दिल्ली में राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच MOU हो चुका है।
17 जिलों में पेयजल सिंचाई का पानी मिलेगा
राम जल सेतु लिंक परियोजना से 17 जिलों की 3.25 करोड़ की आबादी को पीने का पानी मिलेगा साथी 25 लाख किसने की लगभग चार लाख हेक्टर जमीन में सिंचाई भी होगी।
सीएम ने देर रात किया ट्वीट
सीएम ने एक्स पर लिखा-आज राजस्थान सरकार द्वारा पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना का नामकरण परिवर्तित कर 'रामजल सेतु लिंक परियोजना' करने का निर्णय लिया गया है। जन-जन की आस्था का सम्मान करते हुए लिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं का प्रतिबिंब है, अपितु यह प्रदेश के जल संसाधन प्रबंधन में नवीन अध्याय भी जोड़ेगा।
प्रोजेक्ट पर खूब सियासी विवाद हो चुके
इस प्रोजेक्ट को लेकर खूब सियासत हो चुकी है। कांग्रेस राज्य में पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की मांग की गई थी। कांग्रेस सरकार के पूरे 5 साल के दौरान इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिला था, इस पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच खूब सियासी आरोप प्रत्यारोप हुए थे। राजस्थान में बीजेपी की सरकार आते ही इसका नाम बदलकर पीकेसी किया गया और इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच सुप्रीम कोर्ट में चल रहा विवाद भी खत्म हो गया, मध्य प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट से याचिका भी वापस ले ली। कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच पीके को लेकर हुए एमओयू को सार्वजनिक करने की मांग की थी। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर राजस्थान के हितों के साथ समझौता करने का आरोप भी लगाया था। हालांकि अभी तक एमओयू सार्वजनिक नहीं किया गया है।