Jhalawar सोयाबीन और उड़द की सरकारी खरीद बंद, घाटे में बेचना पड़ रहा
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, स्थानीय कृषि उपज मण्डी में राजफैड की और से स्थापित सरकारी कांटों पर पिछले 9 दिन से सोयाबीन व उड़द की सरकार खरीद बन्द है। ऐसे में किसानों को मजबूरन नुकसान उठाकर सोयाबीन को मण्डी में खुली नीलामी में बेचना पड़ रहा है।सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की 4892 प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है जबकि मण्डियों में औसत भाव 4 हजार के आसपास होने से किसानों को प्रति क्विंटल 800 से 900 रुपए का नुकसान हो रहा है। समर्थन मूल्य पर उड़द की 7400 रुपए क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है लेकिन मण्डी में 5000 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। खानपुर उपखंड क्षेत्र में 826 किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाकर टोकन कटवाए गए थे। इसके विपरीत अब तक महज 152 किसानों के टोकन की सरकारी खरीद हो पाई है। 674 किसानों की सोयाबीन का तौल होना अब भी बाकी है। उड़द के लिए एक भी किसान द्वारा टोकन नहीं लिया गया है। सरकार द्वारा किसानों से प्रति टोकन 40 क्विंटल की खरीद की जानी है। इस हिसाब से टोकनशुदा किसानों की 26 हजार 960 क्विंटल सोयाबीन की खरीद करना बाकी है। शेष बचे टोकन की सोयाबीन खरीद होने से किसानों को 2.4 करोड़ का फायदा हो सकेगा।
ठेकेदार ने हाथ खींचे
यहां राजफेड की और से मण्डी में सरकारी खरीद कर रहे ठेकेदार का 1.20 करोड़ का भुगतान बकाया होने से पिछले 9 दिन खरीद बन्द कर दी गई है। ठेकेदार को वर्ष 2020 से हम्माली व परिवहन का 1.20 करोड़ बकाया चल रहा है। राजफेड द्वारा भुगतान नहीं करने से फिलहाल ठेकेदार ने खरीद बन्द कर रखी है। ऐसे में किसान 9 दिनों से ओने पौने दाम पर मण्डी में सोयाबीन बेच रहे हैं।