कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया ने विधानसभा में उठाया अपर हाई-कैनाल का मुद्दा, बोलीं बिना अनुदान के खोदी गई किसानों की जमीन

कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया ने विधानसभा में उठाया अपर हाई-कैनाल का मुद्दा, बोलीं बिना अनुदान के खोदी गई किसानों की जमीन
 
कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया ने विधानसभा में उठाया अपर हाई-कैनाल का मुद्दा, बोलीं बिना अनुदान के खोदी गई किसानों की जमीन

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क - कुशलगढ़ विधायक रमीला खड़िया ने विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान क्षेत्र का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- मेरे विधानसभा क्षेत्र कुशलगढ़ में गरीब आदिवासी रहते हैं। क्षेत्र में अपर हाई कैनाल का काम चल रहा है। इसमें किसानों की जमीन को बिना मुआवजा दिए खोद दिया गया है। इस तरह एईएन और जेईएन की मिलीभगत से हमारे गरीब लोगों को वहां से हटाया जा रहा है। यह गलत है। क्षेत्र में एक महिला ने मकान बनाया और मकान अब गिरने की कगार पर है। मेरी मांग है कि गरीब आदिवासी भाइयों को डीएलसी की दर से 10 गुना राशि मिलनी चाहिए। इसके बाद यह जमीन उसे जमीन के बदले दी जानी चाहिए। उसके बाद ही इस नहर का काम शुरू किया जाना चाहिए। गरीबों को डराकर काम शुरू किया गया है।

लिफ्ट बनाकर पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएं
विधायक ने यह भी कहा- बांसवाड़ा जिला पूरी तरह से टीएसपी क्षेत्र है और इस क्षेत्र में छोटे-छोटे बांध बनाकर लिफ्ट के माध्यम से लोगों को पेयजल और खेती का पानी दिया जाना चाहिए। पिछली बार मैंने इच्छा जाहिर कर कार्य मंत्री को भेजा था, लेकिन कोई काम नहीं हुआ और भेदभाव किया जा रहा है।

आपने सरकार की शपथ ली है, भाजपा की नहीं
विधायक ने कहा- मैं मंत्री जी से कहना चाहता हूं कि आप भेदभाव कर रहे हैं। सदन में आपने सरकार की शपथ ली है, भाजपा की नहीं। यहां 200 विधायक बैठे हैं। आपने 200 विधायकों और 8 करोड़ लोगों की ओर से शपथ ली है। इस तरह का भेदभाव मत कीजिए। मेरे कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का जवाब दीजिए। मेरे लोग गुजरात पलायन करने जा रहे हैं और बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं।

घटिया गुणवत्ता की टंकियां बनाई जा रही हैं
विधायक ने कहा- जल जीवन मिशन के तहत घटिया गुणवत्ता की टंकियां बनाई जा रही हैं। काम अच्छी गुणवत्ता का नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। योजना के तहत पानी नहीं दिया जा रहा है। भाजपा कहती है कि हम हर घर नल से पानी देंगे, मेरे घर तक पानी नहीं है, मेरे लोगों के घर तक पानी नहीं है। टैंकरों से पानी दिया जा रहा है। किसान रोज फोन करते हैं, आज उन्हें टैंकर से भी पानी नहीं मिला।