Pali फैशन डिजाइनर दिव्यांगों के लिए डिजाइन करेंगे सुलभ कपड़े

Pali फैशन डिजाइनर दिव्यांगों के लिए डिजाइन करेंगे सुलभ कपड़े
 

पाली न्यूज़ डेस्क, पाली अक्सर देखा जाता है कि दिव्यागों को शारीरिक अक्षमता के चलते सामान्य कपड़े पहनने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। देश भर में करवाए गए सर्वे में यह बात जब स्वावलंबन फाउंडेशन के सामने आई तो दिव्यांगों को राहत देने के लिए उन्होंने उनकी सुविधा अनुसार कपड़े डिजाइन करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें देश भर के एक हजार फैशन डिजाइनरों को आमंत्रित किया गया। जहां दिव्यांगों की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किए गए कपड़े प्रदर्शित करेंगे। जिसका एक्सपर्ट निरीक्षण करेंगे। और चयनित फैशन डिजाइनर को सम्मानित भी किया जाएगा।

स्वावलंबन फाउंडेशन,जो दिव्यांगजनों और दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित है,समावेशी फैशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "इंक्लूसिफिट: सुलभ वस्त्र डिज़ाइन प्रतियोगिता" का आयोजन कर रहा है। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य प्रगतिशील दिव्यांगताओं, दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों,और व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त और सुलभ कपड़े डिज़ाइन करना है,जो उनकी बदलती शारीरिक और मानसिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आराम और आत्मनिर्भरता प्रदान करें।

एक हजार फैशन डिजाइनर को किया आमंत्रित

स्वावलंबन फाउंडेशन की इस पहल का मकसद ऐसे फैशन डिज़ाइन तैयार करना है, जो दिव्यांगजनों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी जीवनशैली को आसान, आरामदायक और आत्मविश्वासी बना सके।प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देशभर से 1000 से अधिक फैशन डिजाइनिंग के छात्रों और पेशेवर फैशन डिजाइनरों को आमंत्रित किया गया है।प्रतियोगिता के अंतिम चरण में चयनित प्रतिभागी अपने द्वारा डिज़ाइन किए गए वस्त्रों का प्रदर्शन करेंगे, जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर 2024 है।

प्रतियोगिता की विशेषताएं

- डिज़ाइन प्रस्तुत करते समय उपयोग में सरलता, आराम और सौंदर्यशास्त्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- प्रतिभागी अपनी प्रविष्टियां डिजिटल प्रारूप में जमा कर सकते हैं।
- विजेताओं को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
दिव्यांगजनों की समस्याओं पर आधारित सर्वेक्षण

यह सर्वेक्षण स्वावलंबन फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. वैभव भंडारी द्वारा स्वतंत्र रूप से किया गया था, जिसमें देशभर के 18 राज्यों के 210 मरीजों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं सर्वेक्षण में यह सामने आया कि प्रगतिशील दिव्यांगताओं,जैसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित व्यक्तियों को कपड़े पहनने में कई समस्याएं आती हैं।
फाउंडेशन की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सयोनी सोनी ने कहा, "फैशन केवल दिखावे का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सुविधा और आत्मसम्मान का प्रतीक भी है। हमारी पहल 'इंक्लूसिफिट' का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रगतिशील दिव्यांगताओं और दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित व्यक्ति भी फैशन और आराम का समान अधिकार पा सकें।"इसकी तैयारी में दिल्ली की पूर्वा मित्तल, गुजरात की मनीषा वैद्य, और हिमाचल की नंदिनी नाग जुटी हुई हैं।

सर्वे में यह निकलकर आया सामने
- 70.5% मरीजों को कपड़े पहनते समय हाथ या पैर हिलाने में कठिनाई होती है।
- 55.8% मरीज स्वतंत्र रूप से कपड़े पहनने में असमर्थ हैं।
- 75.2% मरीजों को कपड़े पहनने के लिए दूसरों की मदद की आवश्यकता होती है।
- 62% मरीज कपड़े पहनने में कठिनाई के कारण अपनी कई पसंदीदा गतिविधियों से वंचित रहते हैं।
- 95.3% मरीज आसानी से पहनने योग्य कपड़ों को आजमाने में रुचि रखते हैं।