Bikaner 2.93 करोड़ की लागत से बनी पटेल नगर पुलिया में 1 साल में ही आयी दरारें

Bikaner 2.93 करोड़ की लागत से बनी पटेल नगर पुलिया में 1 साल में ही आयी दरारें
 

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर पटेल नगर में 2.93 करोड़ रुपए की लागत से एक साल पहले बना पुलिया निर्माण में ठेकेदार और अधिकारियों की अनदेखी के चलते पुलिया में दरारें पड़ गई हैं। स्लैब 4 इंच धंस चुका है। इसके नीचे से गुजरने वाली सीवर लाइन जगह-जगह टूटने से लगातार पानी बह रहा है। जिससे दीवारें कमजोर हो चुकी हैं। पुलिया के गिरने का खतरा बना हुआ है।स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण और प्रशासन की लापरवाही को हादसे के लिए खुला निमंत्रण बताया है। इसके बावजूद प्रशासन ने यहां से भारी वाहनों का आवागमन बंद करने की जहमत नहीं उठाई। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि निर्माण कार्य के दौरान सीवर लाइन और पुलिया दोनों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसका परिणाम अब सामने आ रहा है। सीवर लाइनें भी जगह-जगह टूट चुकी हैं।बीते दिनों एक ईंटों से भरा ट्रक सीवर लाइन के ऊपर धंस गया था। जिससे पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद से सीवर का गंदा पानी बाइपास कर दूसरी लाइन में छोड़ा जा रहा है। जिम्मेदारी लेने की जगह पर नगर निगम और यूआईटी के अभियंता इस मामले में आमने सामने हैं। सीवर लाइन जाम होना भी समस्या की वजह है और तीन करोड़ के निर्माण के समय पुरानी सीवर लाइन का ध्यान न रखना भी बड़ी अनदेखी है।

कैसे टूटी सीवर लाइन

यह जांच का विषय हो सकता है कि ओवर लोड ट्रक के कारण सीवर लाइन टूटी या टूटी सीवर लाइन में ट्रक धंस गया। अभी सच ये है कि पुल के नीचे से गुजरने वाली सीवर लाइनें भी जगह-जगह टूट चुकी हैं। ये भी लोगों ने देखा है कि ईंटों से भरा ट्रक सीवर लाइन के ऊपर धंस गया था।अब सीवर का गंदा पानी बाइपास कर दूसरी लाइन में छोड़ा जा रहा है, जिससे इलाके में भयंकर बदबू फैल रही है। स्थानीय निवासी रामनिवास चौधरी ने कहा, “सीवर लाइन की बदहाली और पुल के क्षतिग्रस्त होने से यहां लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। प्रशासन के अधिकारी स्थिति का जायजा लेने तक नहीं आए हैं।”

घटिया निर्माण का खामियाजा भुगतते लोग

पुलिया निर्माण के समय ठेकेदार ने मापदंडों की अनदेखी की और अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर मंजूरी दे दी। अब हालात यह हैं कि पुल के नीचे से गुजर रही सीवर लाइन कभी भी टूटकर गिर सकती है। पुल पर भारी वाहनों का आवागमन जारी है, जिससे पुलिया के ढहने का खतरा और बढ़ गया है। स्थानीय निवासी भैरू रतन ने कहा, “यहां की सीवर लाइन 8-10 जगहों से टूटी हुई है। प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

सड़क निर्माण भी अधूरा हर तरफ खतरा

पुलिया और सीवर लाइन की खराब स्थिति के कारण सड़क भी जगह-जगह से टूट चुकी है। पूर्व पार्षद भगवती प्रसाद गौड़ ने बताया कि सीवरेज डालने के दौरान ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने ठेकेदार और प्रशासन को चेताया था, लेकिन अधिकारियों ने अनदेखी की। नतीजा यह है कि सड़क और पुल दोनों अब दुर्घटनाओं के कारण बन सकते हैं।"पुलिया में घटिया क्वालिटी कोई वजह नहीं है। वजह मूल है सीवरेज। सीवरेज का पानी पुलिया के हाेल में चला गया। उस वजह से ये हालात बने हैं। हमने नगर निगम को इसकी सूचना भी दे दी है। निगम को वो काम करना है। उसके बाद अगर कोई दरारें होंगी तो वो यूआईटी भर देगी।""सीवरेज 20 साल से ज्यादा पुरानी है। वो डैमेज है। उसे ठीक कराने के लिए कोई टेंडर नहीं किया। जो अमृत-2 की फर्म काम कर रही उसी से ठीक करांएगे क्योंकि उसके पास ज्यादा तकनीक है। जल्दी ही सीवरेज ठीक कराएंगे। पुलिया यूआईटी ने बनाई थी। उसमें दरारों से निगम का कोई लेना देना नहीं है।"