Pali नदी से बजरी खनन को लेकर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, प्रदर्शन
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे सिंचाई के कृषि संबंधित कुएं नदी के किनारे पर हैं। सरकारी पानी के कुएं भी नदी में ही स्थित हैं। क्षेत्रवासी पेयजल व कृषि के लिए नदी पर ही निर्भर हैं। नदी में बजरी है तो ही नदी का जलस्तर है। अन्यथा निमाज, आसरलाई, मोहराई के हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। ग्रामीणों ने किसी भी हालत में बजरी नहीं ले जाने देने की चेतावनी दी। साथ ही उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। मोहराई सरपंच देवीसिंह राजपुरोहित, उपसरपंच दयालराम गुर्जर, बाबूसिंह राजपुरोहित, गिरधारी गुर्जर, पुखराजसिंह राजपुरोहित, नेमाराम कुमावत, शैतानराम नायक, ओमप्रकाश, उम्मेदसिंह, पप्पूराम, रतनसिंह, गेंदु खा, ढगलाराम आदि ने भी विचार रखे।
ग्रामीणों ने हाथों-हाथ रुकवाया कार्य
नदी किनारे एकत्रित हुए ग्रामीणों ने नदी में लगाए जा रहे कांटे के निर्माण का विरोध किया। बाद में आक्रोशित ग्रामीणों ने नदी में निर्माणाधीन काटे का कार्य भी बंद करवा दिया। कार्य बंद करवाकर कार्य शुरू नहीं करने की चेतावनी दी।