Bikaner के विकास को गति देंगे रेल बाईपास, डबल ट्रैक और अंडरपास

Bikaner के विकास को गति देंगे रेल बाईपास, डबल ट्रैक और अंडरपास
 
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर उत्तर-पश्चिम रेलवे की ओर से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और आमजन से मिले सुझावों के आधार पर बीकानेर से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार को भेजे गए है। इनमें से ज्यादातर को आने वाले केन्द्र सरकार के बजट में शामिल करने की पूरी संभावना जताई जा रही है। रेल बायपास, शहरी क्षेत्र में डबल ट्रैक करने और रेलवे अंडरपास जैसी सौगात मिलने से इलाके के विकास को रफ्तार भी मिलेगी। रेल पटरी के शहर के अंदर के हिस्से से दिनभर गुजरने वाली माल गाड़ियों को बायपास निकालना संभव हो पाएगा। इससे बार-बार रेलवे फाटकों के बंद होने की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। बजट में यहां पर कोच डिपो बनाने के प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दी जा सकती है।आधुनिक वाशिंग लाइन बनने से बीकानेर से देश के महानगरों को वंदेभारत जैसी आधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेनों का संचालन करना संभव हो पाएगा। बीकानेर मंडल में रेल विद्युतीकरण और चूरू-रतनगढ़ दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद ट्रेनों की लेटलतीफी की परेशानी भी समाप्त हो जाएगी। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों के लिए कम समय में पहुंचाने वाली रेल सेवाएं भी मिलेगी। बीकानेर रेलवे स्टेशन के री-डवलपमेंट का कार्य पहले से स्वीकृत है।

बीछवाल से गाढवाला नई लाइन आवश्यक

डीआरयूसी के पूर्व सदस्य रामस्वरूप ने बताया कि नाल से लालगढ़ तक बायपास है। अब बीछवाल से गाढवाला तक नई रेल लाइन डालने की आवश्यकता है। इससे शार्ट रुट मिल जाएगा। ट्रैक दोहरीकरण होने से समय और पैसा दोनों बचेंगे। बीकानेर से जैसलमेर के बीच दोहर ट्रैक बनता है तो बंदरगाहों को जोड़ने वाले रेलवे के सागरमाला प्राजेक्ट का विस्तार बीकानेर तक हो जाएगा। इसका फायदा भविष्य में बीकानेर में प्रस्तावित रेलवे कंटेनर अथवा ड्राईपोर्ट को मिलेगा। उतर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल में चूरू-रतनगढ़ रेलखंड पर ट्रैक दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए 2024-25 में 26.14 किलोमीटर का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। वर्ष 2022-23 में इस परियोजना को स्वीकृत किया गया था। इसके बाद से काम चल रहा है। इसके तहत रेलवे के 6 स्टेशन कवर होंगे। साथ ही इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों का समय पर संचालन होने लगेगा। अभी सिंगल ट्रैक की वजह से कई बार ट्रेनों को आउटर पर ही रोकना पड़ता है।

करीब 422 करोड़ रुपए की लागत से 42.81 किलोमीटर तक कार्य किया जाना है। चूरू-रतनगढ़ ट्रैक दोहरीकरण कार्य होने से बीकानेर से हिसार तक जाने में समय बचेगा। इससे डेगाना, जोधपुर, फुलेरा, सालासर के लिए कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। साथ ही ट्रांसपोर्टेशन में सुविधा मिलेगी। मंडल में अधिकतर ट्रैक पर रेल विद्युतीकरण का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। रेलवे की ओर से इस ट्रैक के दोहरीकरण कार्य का पिछले साल जुलाई में शिलान्यास किया गया। इसमें जून तक रतनगढ़-चूरू रेलखण्ड के दोहरीकरण कार्य के तहत 3.5 किलोमीटर ट्रैक लिकिंग का कार्य पूरा किया गया। इससे बजट घोषणा में बीकानेर मंडल को नए काम मिलने की उम्मीद बंधी है। उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ के मार्गदर्शन में रतनगढ़-चूरू रेल खण्ड पर दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। 2024-25 में 26.14 किलोमीटर का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। उम्मीद है समय पर कार्य पूरा हो जाएगा।