Bikaner बादलों में टैंक गरजे, आसमान से कमांडो उतरे और दुश्मन का खात्मा
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के धोरे गुरुवार को एक बार फिर आतंकियों पर निर्णायक सैन्य ऑपरेशन के साक्षी बने। भारतीय सेना और सऊदी अरब रॉयल आर्मी के 90 जवानों की टुकड़ी ने धोरों के बीच बने कालप्निक गांव में घुसे आतंकियों से ग्रामीणों को मुक्त कराने के ऑपरेशन का प्रदर्शन किया। इस दौरान धोरों में गरजते टैंक और धूल का गुबार उड़ाते आगे बढ़ते दिखे। आसमान में हैलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे उतरते कमांडों सैनिकों ने दुश्मन को चकमा देकर गांव में प्रवेश किया। इसी बीच दुश्मन की ओर से घरों में ठिकाना बनाकर सैनिकों पर फायर किए गए तो देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गए।
भारत और सऊदी अरब सेना का यह युद्धाभ्यास 29 जनवरी को शुरू हुआ। अभी तक चरणबद्ध रूप से दोनों देश के सैनिकों ने भाषायी समझ, हथियारों की जानकारी का आदान-प्रदान और उन्हें चलाने का अभ्यास किया गया। साथ ही शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहने के अभ्यास के बाद निशाने लगाने का प्रशिक्षण हुआ। गुरुवार को युद्धाभ्यास के अंतिम चरण में दुश्मन से सीधे रणक्षेत्र में भिड़ने और सैन्य ऑपरेशन करने का प्रदर्शन शुरू हुआ। जो रातभर चलने के बाद शुक्रवार को अभ्यास का समापन होगा।
संयुक्त कमांड के साथ टोही उपकरण
संयुक्त कमांड सेंटर में दोनों देशों के सैनिकों को युद्ध के मैदान में उतरने से पहले पूरी कार्ययोजना तैयार की गई। अस्थाई ऑपरेटिंग बेस का निर्माण, टोही (आईएसआर) ग्रिड की स्थापना, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट की स्थापना, गांव का घेरा डालकर दुश्मन को खोजने का अभियान, हाऊस इंटरवेंशन (आतंकियों के कब्जे वाले घर में प्रवेश) और बंधक लोगों का बचाव और घायलों को मेडिकल सहायता का सम्पूर्ण रणक्षेत्र का प्रदर्शन किया गया। टोही उपकरणों रडार, ड्रोन आदि की मदद से दुश्मन की सटीक लॉकेशन का पता लगाने, कमांड सेंटर से ऑपरेशन शुरू करने के संकेत जारी हुए।