Jhunjhunu उदयपुरवाटी क्षेत्र की फूलगोभी की मांग अन्य राज्यों में बढ़ने लगी

Jhunjhunu उदयपुरवाटी क्षेत्र की फूलगोभी की मांग अन्य राज्यों में बढ़ने लगी
 
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू  हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की मंडियों में लगातार बढ़ती फूल गोभी की मांग की वजह से उदयपुरवाटी क्षेत्र के गांवों में किसान इसके उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। कभी जौ, गेंहू व बाजरे की फसल पर आश्रित किसान अब फूल गोभी की खेती से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। जहाज, राजीवपुरा, मणकसास व खेतड़ी, नवलगढ़ उपखण्ड के गांवों में बड़े पैमाने पर फूल गोभी की खेती हो रही है। फूल गोभी की खेती कर रहे किसान भागीरथ सैनी, छोटूराम सैनी, श्यामलाल, लालचन्द सैनी, सविता देवी, सुमन देवी ने बताया कि दो हजार से तीन हजार में एक बाड़ी बीज के रूप में गोभी की पौध आती है। एक बाड़ी की पौध को एक बीघा में रौपण किया जाता है। 60 दिन में तैयार होने वाली इस फसल पर एक बीघा में आठ हजार तक का खर्च आता है। इससे किसान एक बीघा में लगभग बीस सें तीस क्विटंल फूल गोभी तैयार करता है। यह मंडियों में 30 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाती है।

खेतड़ी की पौध की मांग

खेतड़ी कस्बे व खेतड़ी के करमाड़ी की की फूल गोभी की पौध की ज्यादा मांग थी। कृषि पर्यवेक्षक पूरण प्रकाश यादव का कहना है कि समय के साथ अब उदयपुरवाटी, नीमकाथाना के रायपुर, हेमपुरा सहित गांवों व कस्बो में किसान पौध तैयार कर फूल गोभी की खेती करते हैं। इन गांवों में पैदा फूल गोभी की मांग अधिक है। रूडमल सैनी, कैलाश सैनी, हीरालाल सैनी आदि बताते हैं कि दिल्ली,जयपुर, डीडवाना, हरियाणा में गुरूग्राम, हिसार, जयपुर, सीकर की में ज्यादा मांग है। बाघोली सरपंच एडवोकेट जतन किशोर सैनी ,जहाज सरपंच कविता सैनी ने बताया कि किसानों को अनुदान पर उन्नत किस्म का बीज की सुविधा मिलनी चाहिए।फूल गोभी का रकबा प्रति वर्ष बढ़ रहा है। जहां पहले गांवों मे किसान दो-चार बाड़ी सब्जी बोई जाती थी। अब बीघा के हिसाब से बुआई होती है। कृषि की नई तकनीक आने पर किसानों का रूझान अब फसलों की बजाए फल व सब्जियों के प्रति ज्यादा बढ़ा है। इनमें लागत कम मुनाफा अधिक होता है।