Gaya सिर और पैर से हो गयी थी लाचार, यहां इलाज से हो गयी ठीक

Gaya सिर और पैर से हो गयी थी लाचार, यहां इलाज से हो गयी ठीक
 

बिहार न्यूज़ डेस्क सिर और पैर से लाचार हो गयी थी. चल नहीं पा रही थी. यहां के इलाज से ठीक हो गयी तो अब बोधगया से अपनी समधीन को इलाज करवाने के लिए लायी हूं. उक्त बातें  मगध मेडिकल के मेडिसिन विभाग में पुनाकला के रहने वाली रामप्यारी देवी ने आयुक्त से पूछताछ करने पर बतायी. आयुक्त प्रेम सिंह मीणा ने इस दौरान विभिन्न विभागों में मरीजों से बात की. मेडिकल की सुविधाओं को किसी ने सराहा तो किसी ने शिकायत की. शिशु रोग विभाग में अपने बच्चे को इलाज कराने आयी पूजा केसरी ने मगध प्रमंडल के आयुक्त से कहा कि वह यहां की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है. उसके साढे़ छह वर्ष के बच्चे को हिमोफिलिया है. यहां की नर्स रात में धमकी देती है. कहती है सुबह अस्पताल आओ तो बताती हूं. शिकायत सुनने के बाद मेडिकल अधीक्षक ने उन्हें आश्वस्त किया कि दुर्व्यवहार करने वाली नर्स पर कार्रवाई की जाएगी. फिजियोथेरपी में इलाज कराने आये राजेश कुमार व सीताराम मांझी से भी आयुक्त ने इलाज के संबंध में बात की तो लोगों ने इलाज से संतुष्ट होने की बात कही और कहा कि इलाज से फायदा हो रहा है.

दोपहर 12 बजे निरीक्षण करने पहुंचे आयुक्त : शहर के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मगध प्रमंडल आयुक्त प्रेम सिंह मीणा निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण को लेकर अस्पताल में सुबह से ही व्यवस्था दुरुस्त थी. अस्पताल में साफ-सफाई की गयी थी. यहां के सभी विभागों में डॉक्टर व कर्मी सुबह से ड्यूटी पर मौजूद थे. दोपहर 12 बजे निरीक्षण करने पहुंचे आयुक्त करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल के सभी विभागों का जायजा लिया.

शिशु रोग विभाग में जर्जर भवन को देख जतायी चिंता : आयुक्त सबसे पहले शिशु रोग विभाग में पहुंचे. ओपीडी में मरीजों के रजिस्ट्रेशन व उनके इलाज के बारे में जाना. इस दौरान जर्जर छत को देख उन्होनें पुराने भवन को लेकर चिंता जतायी. इस दौरान वह पीडिया आईसीयू में भी गये. जहां आवश्यक दवाओं के लिए एक अलग दवा काउंटर बनवाने का निर्देश दिया.

अस्पताल की जर्जर हालत देखा, कहा- विभाग को लिखेगें

इसके बाद आयुक्त गर्ल्स व ब्यॉज हॉस्टल देखने पहुंचे. वहां जर्जर हॉस्टल को देख बोले कि इस संबंध में वह विभाग को लिखेगें. इसके बाद वह सुपर स्पेशिलिटी पहुंचे. वहां व्यवस्था देख प्रभावित हुये. पर डॉक्टरों की कमी दिखी. इसके बाद अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. करीब डेढ घंटे से अधिक अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने अधीक्षक से कहा कि जो भी अस्पताल में आवश्यकता है. उसकी एक सूची बनाकर उन्हें भेजे. इस दौरान आयुक्त के सचिव सुशील कुमार, क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं मगध प्रमंडल डॉ. जयश्री, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार सिंह, मेडिकल अधीक्षक डॉ. केके सिन्हा, डॉ. देव कुमार, डॉ. कृष्ण कुमार व अन्य चिकित्सक साथ रहे.

इस दौरान अस्पताल के आर्थो, मेडिसीन, सर्जरी, चर्मरोग, नेत्र व अन्य विभागों के निरीक्षण के बाद आयुक्त डे केयर सेंटर पहुंचे. वहां हिमोफिलिया व थैलिसिमिया के बच्चें को इलाज करते देख बहुत प्रभावित हुये. इस दौरान अधीक्षक व शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष बीके सिंह ने उन्हें इस सेंटर के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

 

 

गया न्यूज़ डेस्क