Jhansi आधा सैकड़ा किसानों ने सीखा मधुमक्खी पालन

Jhansi आधा सैकड़ा किसानों ने सीखा मधुमक्खी पालन
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बुन्देलखंड के किसानों ने केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में मधुमक्खी पालन का  दिन प्रशिक्षण लिया. इसमें पालन करके अपनी आय बढ़ाने के बारे में जानकारी ली.

रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विवि के मधुमक्खी पालन प्रयोगशाला में  दिवसीय मधुमक्खी पालन विषय प्रशिक्षण किसानों को दिया गया. इसमें झांसी , ललितपुर, टीकमगढ जिले के खुरमापुर, मऊरानीपुर, मड़ोरी, खितबास, रानीपुर, मगरवारा ग्राम से कुल 50 किसानों ने विवि में रहकर मधमक्खी पालन प्रशिक्षण को सीखा.

अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने प्रशिक्षणार्थी किसानों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. मधुमक्खी पालन बुलेटिन पुस्तक का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि पहले शहद का उत्पादन कम होता था और किसानों को शहद उत्पादन तकनीक की जानकारी नहीं थी. लेकिन आज शहद की मांग बढ़ी है इसका उपयोग दवाओं सहित शारीरिक स्वास्थ के लिए बहुत अधिक हो रहा है. विदेशों में भी शहद की मांग बढी है. किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने ग्राम के अन्य लोगों को भी जोड़ें और इससे लाभ प्राप्त करें. विवि में शहद प्रसंस्करण इकाई लगी हुई है कोई भी किसान भाई अपना शहद शुद्धीकरण यहां करा सकता है. तुलसी, नीम, जामुन, आम, चंदन, करंज, बरगद आदि का शहद लाभप्रद हैं.

निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि बुंदेलखण्ड के किसानों के लिए शहद उत्पादन तकनीक नई है. यहां के किसान मधुमक्खी पालन में सफल हो रहे हैं एवं किसान स्वेच्छा से प्रशिक्षण लेने विवि आ रहे हैं. विवि के मधुमक्खी फार्म में इतनी गर्मी में भी मधुमक्खी सुरक्षित हैं. साथ ही विवि के मधुमक्खी यूनिट को निर्देश दिया कि अभी तक जितने किसान मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण ले चुके हैं उनसे वर्तमान स्थति की जानकारी प्राप्त करें. विवि जल्द ही कुछ ग्रामों को मधुग्राम बनाएगा.

 

 

झाँसी  न्यूज़ डेस्क