Nashik जमीन का भुगतान नहीं करने पर सड़कों पर जुताई- फार्मर्स एक्शन कमेटी की नगर निगम कमिश्नरों को चेतावनी
नासिक न्यूज़ डेस्क ।। किसान एक्शन कमेटी ने एक बार फिर शिकायत की कि पिछले सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान घुमावदार सड़कों के लिए जमीन पर कब्जा कर लिया गया था और कुछ निर्माण पेशेवरों को लंबे समय तक मुआवजा नहीं दिया गया था, लेकिन इस अवधि के दौरान 955 करोड़ की मुआवजा प्राथमिकता हटा दी गई थी। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मुआवजा नहीं दिया गया तो संबंधित सड़कों पर खेती की जायेगी.
पिछले महीने नगर निगम द्वारा कुछ बिल्डरों की जमीन अधिग्रहण के लिए कलेक्टर कार्यालय को 55 करोड़ की धनराशि आवंटित करने के बाद नगर निगम में हंगामा मच गया था. कब्जाई गई जमीन का भुगतान न होने पर किसानों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए पूर्व स्थायी अध्यक्ष उद्धव निमसे के नेतृत्व में नगर निगम पर धावा बोल दिया. नगर आयुक्त कक्ष के सामने जमकर नारेबाजी की गयी. करीब एक माह से छुट्टी पर चल रहे कमिश्नर डाॅ. अशोक करंजकर ने सोमवार को नगर निगम में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने किसान एक्शन कमेटी को चर्चा के लिए बुलाया. इस समय डाॅ. करंजकर ने आठ दिनों के भीतर एक प्रासंगिक बैठक आयोजित करने और मामले को समझाकर समाधान निकालने का वादा किया। निमसे ने कहा है कि इस बैठक में किसानों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
इस समय एक्शन कमेटी ने लूप रोड, जात्रा रोड, हनुमाननगर से गोदावरी सेंट्रल लूप रोड, पेठे कामगारनगर से गोदावरी लूप रोड के लिए जमीन पर कब्जा कर सड़कें तैयार कीं। तब नगर पालिका ने मुआवजे का पत्र दिया। इसमें 22 साल लग गये. 2013-14 में सड़क पर कब्जा करने के बाद किसानों को दोबारा मुआवजा पत्र दिया गया। इस प्रक्रिया के 10 साल बाद भी पीड़ितों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है. वहीं, बिल्डरों की शिकायत है कि इन 14 सालों के दौरान 955 करोड़ के भुगतान में अनदेखी की गई. इसकी जांच कर कब्जा की गई जमीन का मुआवजा ब्याज सहित देने की मांग की गई। किसानों का कहना है कि वे कमिश्नर की बैठक से संतुष्ट नहीं हैं. उद्धव निमसे ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र मुआवजा नहीं मिला तो सड़कों पर हल चला दिया जायेगा.
महाराष्ट्र न्यूज़ डेस्क ।।