राजस्थान के इस जिले के इतने मेडिकल स्टोर बंद रहेंगे आधे दिन
ओटीसी दवाएँ सभी को बेचने की अनुमति देने पर आपत्ति
ओटीसी दवाएं सभी को बेचने की इजाजत देने पर आपत्ति है. ऐसी कार्रवाई मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी नियमों का उल्लंघन होगी। उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवाओं की बिक्री की अनुमति देने से गंभीर जोखिम पैदा हो सकते हैं। प्रस्ताव में इसी बात पर चिंता जताई गई है. स्व-दवा और नशीली दवाओं का दुरुपयोग खतरनाक हो सकता है।
1250 मेडिकल स्टोर बंद रहेंगे
मेडिकल स्टोर्स ऑर्गेनाइजेशन का दावा है कि भीलवाड़ा जिले में 1250 से ज्यादा छोटे-बड़े मेडिकल स्टोर्स हैं. 14 मई को सभी मेडिकल स्टोर बंद रहेंगे। इस दौरान समाहरणालय चौराहे पर मानव शृंखला बनायी जायेगी. सभी तहसील स्तरीय संगठनों ने इस बंद को समर्थन देने का एलान किया है.
23 फरवरी 2024 को करेड़ा में मेडिकल संचालक से लूट की पुलिस कार्रवाई।
मेडिकल संचालकों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है। इस मामले को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
ओटीसी दवाएँ सभी को बेचने की अनुमति देने पर आपत्ति। बिना लाइसेंस के ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं की बिक्री की अनुमति देने का केंद्र सरकार का प्रस्ताव गलत है।
डॉक्टरों द्वारा दवा दुकानों पर रंगदारी की श्रेणी में कार्रवाई की जा रही है.
मरीज की पर्ची में डॉक्टर की लिखावट को समझने में काफी परेशानी होती है। त्रुटि की संभावना बनी रहती है. ऐसी लिखावट होनी चाहिए, जो समझ में आ सके।
दिशानिर्देश क्या है?
केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव का दावा है कि एमसीए की गाइडलाइन के मुताबिक मरीज की पर्ची बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य है. इस संबंध में आईएमए भीलवाड़ा (डॉक्टर एसोसिएशन) के अध्यक्ष व सचिव को दो बार लिखित में अवगत कराया जा चुका है।