सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार

सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार
 
सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: राखी का त्योहार करीब आ गया है जो कि इस साल 19 अगस्त दिन सोमवार को देशभर में मनाया जाएगा। यह पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक होता है जो कि हर साल सावन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधकर उसकी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है

सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार

तो वही भाई बहन की रक्षा का वचन लेता है। रक्षाबंधन के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो कि पूरे साल में केवल एक दिन यानी की रक्षाबंधन पर खुलता है और यहां दर्शन के लिए भक्तों की भारी कतार भी देखने को मिलती है तो आइए जानते हैं इस मंदिर के विषय में। 

सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार

उत्तराखंड का वंशी नारायण मंदिर हिमालय की गोद में स्थित एक ऐसा मंदिर है जो ​अपनी अनोखी विशेषता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है इस मंदिर के कपाट साल में केवल एक दिन यानी रक्षाबंधन पर खोले जाते हैं इसी वजह से इस मंदिर को एक रहस्यमयी और पवित्र तीर्थ माना गया है। रक्षाबंधन के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा और आयोजन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यहां आना और पूजा करना विशेष रूप से शुभ होता है और भगवान विष्णु की ​विशेष कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है। 

सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए लगती है लंबी कतार

वंशी नारायण मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले की उर्गम घाटी पर मौजूद है जो कि भगवान नारायण को समर्पित है लेकिन इस मंदिर में भगवान शिव, भगवान नारायण दोनों ही देवताओं की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को बंसी नारायण और वंशी नारायण मंदिर, इन दोनों ही नामों से जाना जाता है। मंदिर की अंदर से उंचाई केवल 10 फीट ही है यहां के पुजारी रक्षाबंधन के दिन खास पूजा अर्चना करते हैं मंदिर के पास ही एक भालू गुफा भी है जहां प्रसाद बनाने का काम होता है। 
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