Sheetla Ashtami 2025 कब और क्यों मनाई जाती है शीतला अष्टमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Sheetla Ashtami 2025 कब और क्यों मनाई जाती है शीतला अष्टमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
 
Sheetla Ashtami 2025 कब और क्यों मनाई जाती है शीतला अष्टमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन शीतला अष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि माता शीतला की पूजा अर्चना को समर्पित होती है। पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर शीतला अष्टमी का व्रत पूजन किया जाता है।

इस दिन भक्त माता शीतला की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता शीतला की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है और मानसिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इस साल शीतला अष्टमी व्रत 22 मार्च को किया जाएगा, तो हम आपको इससे जुड़ी असली कथा बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

क्यों मनाया जाता है शीतला अष्टमी—
स्कंद पुराण में पुराण में बताया गया है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने समस्त संसार को रोगमुक्त और सेहतमंद रखने की जिम्मेदारी माता शीतला को दी है. मान्यताओं के अनुसार, शीतला माता का पूजन करने वालों को चिकन पॉक्स यानी माता, खसरा, फोड़े और नेत्र रोग नहीं होते. माता शीतला को चेचक की देवी माना गया है.

माता शीतला स्वच्छता की प्रतीक मानी गई हैं. माना जाता है कि माता शीतला अग्नि उत्पन्न करने वाले रोगों से छुटकारा दिलाती हैं. संक्रामक रोगों से बचने के लिए लोग शीतला अष्टमी मनाते हैं और माता शीतला का पूजन करते हैं.

Sheetla Ashtami 2025 कब और क्यों मनाई जाती है शीतला अष्टमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

शीतला अष्टमी मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 21 मार्च को सुबह 2 बजकर 45 मिनट से आरंभ होगी और 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं शुभ मुहूर्त की बात करें तो 21 मार्च को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 33 मिनट तक हैं। 22 मार्च को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट से प्रात: 5 बजकर 23 मिनट का समय शुभ रहेगा। 

Sheetla Ashtami 2025 कब और क्यों मनाई जाती है शीतला अष्टमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा