5 या 6 महीने नहीं 3.5 साल पहुंचा Maruti की इस कार का वोटिंग पीरियड, खरीदने से पहले पढ़ ले ये रिपोर्ट वरना होगा पछतावा

5 या 6 महीने नहीं 3.5 साल पहुंचा Maruti की इस कार का वोटिंग पीरियड, खरीदने से पहले पढ़ ले ये रिपोर्ट वरना होगा पछतावा
 
5 या 6 महीने नहीं 3.5 साल पहुंचा Maruti की इस कार का वोटिंग पीरियड, खरीदने से पहले पढ़ ले ये रिपोर्ट वरना होगा पछतावा

कार न्यूज़ डेस्क - मारुति सुजुकी की ऑफरोडिंग जिम्नी एसयूवी भले ही भारतीय बाजार में पॉपुलर न हो, लेकिन विदेशी बाजारों में इसकी डिमांड आसमान छू रही है। जिम्नी के 5-डोर मॉडल को लैटिन अमेरिका, साउथ अफ्रीका, साउथ-ईस्ट एशिया और मिडिल ईस्ट जैसे दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है। हाल ही में इसने जापानी बाजार में एंट्री की है। जापान में 5-डोर जिम्नी जिम्नी नोमैड नाम से बिक्री के लिए उपलब्ध है। कुछ ही दिनों में इसकी बुकिंग करीब 50,000 यूनिट तक पहुंच गई है। ऐसे में इसका वेटिंग पीरियड 41 महीने यानी 3.5 साल हो गया है। जिम्नी नोमैड का प्रोडक्शन मारुति के गुरुग्राम प्लांट में ही होता है। जापानी बाजार के लिए फिलहाल प्रोडक्शन 1,200 यूनिट प्रति महीने तक सीमित है।

अगर यह आंकड़ा इसी स्तर पर रहा तो जापान में जिम्नी नोमैड का वेटिंग पीरियड करीब 41 महीने यानी 3.5 साल हो गया है। लंबे इंतजार के चलते सुजुकी ने जिम्नी नोमैड की बुकिंग अस्थायी तौर पर बंद कर दी है। जिम्नी नोमैड की जबरदस्त मांग के चलते सुजुकी ने जापान में इस एसयूवी के प्रमोशनल इवेंट भी रद्द कर दिए हैं। संभव है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनी जिम्नी नोमैड का उत्पादन बढ़ा दे। 5-डोर जिम्नी की प्रतिद्वंद्वी थार रॉक्स को महज एक घंटे में 1.76 लाख यूनिट की बुकिंग मिल गई। पिछले साल अक्टूबर में रॉक्स का वेटिंग पीरियड कुछ जगहों पर 18 महीने तक पहुंच गया था। ऐसे में महिंद्रा ने भी उत्पादन बढ़ाकर अपनी एसयूवी का वेटिंग पीरियड सफलतापूर्वक कम किया।

जापान में जिम्नी नोमैड की डिलीवरी 3 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इससे पहले खबर आई थी कि जिम्नी नोमैड की पहली खेप भारत से जापान भेज दी गई है। ये यूनिट जापान में सुजुकी डीलरशिप पर पहले से ही उपलब्ध हो सकती हैं। 5-स्पीड मैनुअल वैरिएंट की कीमत 2,651,000 येन (करीब 14.88 लाख रुपये) से शुरू होती है। वहीं, 4AT वैरिएंट की कीमत 2,750,000 येन (करीब 15.43 लाख रुपये) है। जिम्नी 5-डोर वर्तमान में मारुति की सबसे कम बिकने वाली कारों में से एक है, जो कुल बिक्री में 1% से भी कम का योगदान देती है।

हालांकि, व्यावसायिक दृष्टिकोण से, 5-डोर जिम्नी वैश्विक बाजारों तक अपनी पहुँच के साथ एक लाभप्रद स्थिति में है। मारुति सुजुकी ने निर्यात पर ध्यान केंद्रित किया है और परिणाम काफी उत्साहजनक रहे हैं। मारुति फ्रॉन्क्स वर्तमान में भारत से सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली कार है। जिम्नी दूसरे स्थान पर है। मारुति द्वारा निर्यात की जाने वाली कारों में डिजायर, बलेनो, स्विफ्ट, अर्टिगा, सेलेरियो और ईको भी शामिल हैं।