Begusarai जान जोखिम में डाल ध्वस्त सड़कों से कर रहे आवाजाही

Begusarai जान जोखिम में डाल ध्वस्त सड़कों से कर रहे आवाजाही
 
Begusarai जान जोखिम में डाल ध्वस्त सड़कों से कर रहे आवाजाही

बिहार न्यूज़ डेस्क चमथा दियारे की सभी पांचों पंचायतों में बाढ़ से ध्वस्त सड़कों की अब तक मरम्मत नहीं कराई जा सकी है. चमथा दियारे के विभिन्न बस्तियों से बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद अब सभी सड़कों की जर्जर हालत बनी हुई है. कई सड़कें बीचो-बीच कटी हुई हैं और उसमें कीचड़ व पानी जमा है.

हालत यह है कि इन टूटी सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल सा बना हुआ है. इन जर्जर व टूटी हुई सड़कों की सुधि लेने न तो कोई विभागीय अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई स्थानीय जनप्रतिनिधि. विशनपुर पंचायत के लोदियाही, पटनी चौक, चमथा- तीन पंचायत के जमाईन नाला समेत कई जगहों पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क 5 से 8 फीट गहरी खाई में तब्दील हो चुकी हैं. सर्वाधिक खराब हालत विशनपुर पंचायत की सड़कों की है. इस पंचायत में फूलचंद चौक से विशनपुर बिचली दीरी व बरौनी टोल दियारा को जोड़ने वाली सड़क जगह-जगह ध्वस्त हो चुकी है.

इधर, चमथा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र से चमथा-दो पंचायत के गोप टोल को जोड़ने वाली पीसीसी सड़क में दरारें फट गई हैं. विशनपुर पंचायत के मुकेश कुमार राय, सरपंच प्रतिनिधि श्रवण राय, पूर्व मुखिया श्रीराम राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के कारण ध्वस्त हुई इन सड़कों को देखने भी अब तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों के समक्ष आवाजाही की समस्या बनी हुई है. पूर्व मुखिया ने कहा कि 17 अक्टूबर से विशनपुर पंचायत के चिरैयाटोक में एक माह तक कल्पवास मेला लग रहा है. चमथा दियारे की सड़कें जहां-तहां टूटी है.

बाढ़ के पानी से कई सड़कें बीच में ही टूट गईं मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों में है नाराजगी

गंगा नदी में बाढ़ के कारण सड़कों पर पानी का दबाव बढ़ने से सड़कें टूट गई है. लेकिन अब तक इसकी मरम्मतिकरण की कोई चर्चा नहीं है. इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. गंगा कटाव पीड़ितों की लगभग चार हजार आबादी वार्ड 09 और 10 में बसे हुए है.अधिकतर खेतिहर मजदूर है. प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण निजी क्षति तो होती ही है. सड़क भी पूरी तरह ध्वस्त हो जाते हैं. लगभग डेढ़ किलोमीटर की सड़क पानी के दबाव से जहां तहां से टूट कर जर्जर हो गए है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिवर्ष इस तरह के नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है. ग्रामीणों की चिंता है कि पुन कब सड़क बनेगी इसकी कोई गारंटी नही है. गांव के रामदेव पासवान, सुरेन्द्र पासवान, गौरी साह, लाजवंती देवी रामा देवी आदि कई लोगों ने बताया कि पिछले दो माह से पानी के दबाव से सड़क जर्जर हो जाने से भाड़े की वाहन आने में आना कानी करती है. सुनीता देवी ने बताया कि अच्छी सड़क थी तब रात को वाहन चालकों को बुलाने पर अधिक पैसे की मांग करता था. लेकिन सड़क टूटने से अब कोई गाड़ी वाला इधर आना ही नहीं चाहेगा. इसी तरह मधुरापुर पुरबारी टोला और रातगांव के भगवानपुर चक्की में भी सड़कों का बुरा हाल है.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क