Buxar इंटरनेट से 12.1 लोग ही राजनीति या चुनाव संबंधी जानकारी प्राप्त करते हैं
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बिहार न्यूज़ डेस्क राज्य में 42 फीसदी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इनमें से 12.1 फीसदी ही चुनाव एवं राजनीति की जानकारी इंटरनेट या मोबाइल से प्राप्त करते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर भी 52 फीसदी लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.
इस प्रकार की कई रोचक तथ्य चुनाव आयोग के निर्देश पर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा कराए गए ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार (नॉलेज, एटीटयूड एंड प्रैक्टिस(केएपी) बेसलाइन सर्वेक्षण, 2023 की रिपोर्ट में सामने आए हैं. बेसलाइन सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के मतदाताओं ने मतदाता सूची में नये नामों के निबंधन को लेकर प्रखंड कार्यालय को सबसे बेहतर स्थान माना है. लोगों को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के होने की जानकारी है, लेकिन इसका वास्तविक तिथि की जानकारी नहीं है. अधिकतर लोगों ने ईपिक के बारे में बताया पर कम ही लोगों ने यह बताया कि ईपिक होने के बावजूद अगर मतदाता सूची में नाम नहीं है तो वे मतदान नहीं कर सकते हैं. राज्य केविधानसभा क्षेत्रों में बनाए गए मतदाता सूची में 97.1 फीसदी मतदाताओं ने त्रुटियों में सुधार की बात कही.
इपिक पहले की तुलना में आसानी से अब हो रहा उपलब्ध
रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर मतदाताओं ने जानकारी दी कि इपिक (मतदाता पहचान पत्र) की उपलब्धता वर्ष 2020 में कराए गए बेसलाइन सर्वेक्षण की रिपोर्ट की तुलना में आसान हुई है. पूर्व में जहां से छह माह इपिक लेने में लगते थे, वहीं अब इसमें 15 दिन लग रहा है. रिपोर्ट के अनुसार मतदाताओं का नजरिया स्वच्छ प्रक्रिया, तकनीकी क्षमता और मतदान के अधिकार के प्रति सकारात्मक अर्थ में सामने आया है. अधिकतर मतदाताओं ने स्वीकार किया कि लोकतंत्र में वोट महत्वपूर्ण है. ईवीएम के माध्यम से वास्तविक परिणाम सामने आते है.
बक्सर न्यूज़ डेस्क