Bhagalpur प्रतिमा विसर्जन से लेकर अवशेषों के निस्तारण तक में हुई गड़बड़ी
बिहार न्यूज़ डेस्क नगर निगम द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन से लेकर अवशेषों के निस्तारण तक में कई तरह की गड़बड़ियां की गईं. इन सभी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का उल्लंघन किया गया. प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान ऐसा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया कि विसर्जन के बाद प्रतिमाओं के रंग पानी में घुलने के बाद नदी में नहीं जा सके. वहीं, विसर्जन के बाद प्रतिमाओं के अवशेषों के निस्तारण में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों का खूब मखौल उड़ाया गया. तीन दिन बाद गंगा नदी में विसर्जन स्थल के पास अवशेष वैसे ही पड़े हुए थे.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रतिमाओं के विसर्जन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी है. प्रावधान के अनुसार शहरी स्थानीय निकायों द्वारा नदियों के किनारे या स्थिर जल निकायों जैसे तालाबों और झीलों पर उचित स्थान पर अभेद्य लाइनर बनाया जाना चाहिए. ये बेहतर उच्चतर मिट्टी या इको सिंथेटिक लाइनर से बने हुए हों, जिनसे विसर्जन स्थल का पानी नदी या तालाबों में किसी भी तरह से नहीं जा सके. यदि नदियों, झीलों और तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाना अपरिहार्य हो, तो जलीय निकाय से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर मूर्तियों के विसर्जन के प्रयोजन के लिए चयनित स्थानों पर मिट्टी के बंध सहित पर्याप्त क्षमता वाले अस्थायी सीमित क्षेत्रों के निर्माण की व्यवस्था की जा सकती है.
जांच रिपोर्ट में अगर पानी की गुणवत्ता में फर्क आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
-शंभूनाथ झा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी, भागलपुर
नगर निगम की ओर से प्रतिमाओं के विसर्जन संबंधी प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. -कुंदन कुमार, प्रभारी नगर आयुक्त सह एडीएम (आपदा प्रबंधन)
निस्तारण संबंधी निर्देश की भी हुई अवहेलना
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत अधिसूचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के संशोधित प्रावधानों अनुसार सभी संग्रहित और पृथक की गई सामग्रियों को परिवहन एवं निपटान समय पर या मूर्ति विसर्जन पूर्व होने के 24 घंटे के अंदर करना है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी प्रतिमाओं के विसर्जन संबंधी दिशा निर्देश के अनुसार मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम पूरा होने के बाद 24 घंटे के भीतर लाइनर सामग्री को हटा देना है. यानी बैरिकेड के अंदर प्रतिमाओं के जितने भी अवशेष थे, उन सभी को हटा देने का प्रावधान है. तक विसर्जन स्थल पर प्रतिमाओं के अवशेष पड़े हुए हैं.
भागलपुर न्यूज़ डेस्क