Gopalganj धान के पौधों में झुलसा रोग लगने से किसान को सताने लगी चिंता

Gopalganj धान के पौधों में झुलसा रोग लगने से किसान को सताने लगी चिंता
 
Gopalganj धान के पौधों में झुलसा रोग लगने से किसान को सताने लगी चिंता

बिहार न्यूज़ डेस्क  लगातार बारिश होने से झुलसा (शीथ ब्लाइट) नामक रोग से धान के पौधे सुख रहे हैं. धान के पौधे सूखने से कई प्रखंडों के किसान परेशान हैं.

किसानों में धान की उपज प्रभावित होने की चिंता सता रही है. आमस कृषि विज्ञान केंद्र के पादप रोग के वैज्ञानिक डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि झुलसा रोग का प्रभाव आमस के अलावा बांकेबाजार, इमामगंज, गुरुआ, शेरघाटी प्रखंडों में भी है. कहा कि उपेंद्र वर्मा, खेरूद्दीन अंसारी, धनंजय प्रसाद किसानों ने धान की फसल में शीथ ब्लाइट (पर्ण झुलसा) रोग लगने की बात बताई है. किसानों की शिकायत पर खुद उनके खेतों में जाकर जांच की. जांच में उनकी शिकायत सही निकली. कहा कि यह रोग तने से शुरू होकर पत्तियों में फैल जाता है. पत्तियों पर भूरे धब्बे दिखाई पड़ने लगते हैं. कुछ ही दिनों में पौधे सूख कर गिरने लगते हैं.

इस रोग से धान के पौधों को बचाने के लिए प्रोपिकोनाजोल 13.9 और डाईफेनोकोनाजोल 13.9 ईसी मिश्रण कर 5 सौ मिली प्रति हेक्टेयर या टेबुकोनाजोल 50 व ट्राईफाक्सीस्ट्रोविन 25 डब्लूजी मिलाकर 2 सौ ग्राम प्रति हेक्टेयर में किसान छिड़काव कर सकते हैं.

धान की बाली में तेजी से फैलत है हरदा रोग

डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि धान की बाली को हरदा रोग से बचाने के लिए प्रोपिकोनाजोल व ब्लूकॉपर दवाओं की छिड़काव दो ग्राम एक लिटर पानी में मिला कर करना चाहिए. समय पर छिड़ाकव कर देने से यह रोग दूसरे के खेतों में नहीं फैलता है. अन्यथा किसानों को इससे भारी नुकसान हो सकता है. यह वायुजनित बीमारी है जो धान की बाली को तेजी से नुकसान पहुंचाता है. किसानों को हर दिन खेतों में जाकर धान के पौधों को अवलोकन करना चाहिए. बीमारी समझ में आते ही दवा का छिड़काव कर देना चाहिए. इस वजह से दूसरे किसानों को इसका नुकसान न हो. बता दें कि कई साल बाद इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से शत-प्रतिशत धान की रोपनी हुई है. समय-समय पर बारिश होते रहने से पौधे भी खूब अच्छे हैं. अच्छी उपज होने को लेकर किसानों में खुशी थी, लेकिन झुलसा रोग ने उनकी खुशी में खलल डाल दिया है. इस वजह किसान परेशान हैं.

 

गोपालगंज  न्यूज़ डेस्क