Muzaffarpur शहर का बनेगा ‘हाईटेक’ नक्शा हर सुविधा व विशेषता होगी दर्ज
बिहार न्यूज़ डेस्क शहर का ‘हाईटेक’ नक्शा बनेगा. बेस मैप (जीएमएस मानचित्र) में शहर की सभी जानकारी के साथ ही स्कूल, अस्पताल, पुलिस थाना, सीवरेज सिस्टम, जलापूर्ति व्यवस्था समेत तमाम सुविधाएं दर्ज रहेगी. इसे इंटरनेट पर आसानी से देखा जा सकेगा.
केंद्र की एजेंसी नेटमो (नेशनल एटलस एंड थेमेटिक मैपिंग ऑर्गेनाइजेशन) नक्शा तैयार करेगी. इसके लिए एजेंसी जल्द ही फिल्ड सर्वे शुरू करेगी. इसको लेकर नेटमो ने डीएम व नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. जीएमएस(गोल्डेन) मैप बनने के बाद शहर की सभी जानकारी के साथ ही स्कूल, अस्पताल, पुलिस थाना, सीवरेज सिस्टम, जलापूर्ति व्यवस्था समेत तमाम सुविधाओं की उपलब्धता इंटरनेट पर आसानी से देख सकेंगे.
नेटमो ने पत्र में कहा है कि मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र और उसके आसपास की विस्तृत उपयोगिता और बुनियादी ढांचे का मानचित्र तैयार करना है. इसके लिए बहुत अधिक विशेषता डेटा और ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट (जीसीपी) के साथ उनके प्रमाणीकरण की जरूरत होती है. निगम क्षेत्र और आसपास के इलाकों की जानकारी जुटाने के लिए सितंबर के अंत तक नेटमो की टीम फिल्ड सर्वे शुरू करेगी. टीम संबंधित जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न स्थानों का दौरा करना होगा. इसको देखते हुए निगम व आसपास के इलाके के डेटाबेस को अपडेट करने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र करने में सहयोग के लिए डीएम से प्रशासनिक और निगम के अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
परिवार नियोजन में महिलाएं आगे
● पुरुष नसबंदी से कतरा रहे, इस बार भी लक्ष्य पूरा नहीं
● जुलाई में 105 के लक्ष्य में सिर्फ दो पुरुषों ने कराई नसबंदी
सूबे में महिलाओं के कंधे पर ही परिवार नियोजन की जिम्मेदारी है. पुरुष परिवार नियोजन के दायित्व का फर्ज नहीं निभा रहे हैं. परिवार नियोजन पखवाड़े में पुरुष परिवार नियोजन के उपायों को नहीं अपना रहे हैं. जुलाई में चले परिवार नियोजन पखवाड़े में जिले में 105 पुरुषों की नसबंदी का लक्ष्य था, लेकिन सिर्फ दो पुरुषों ने ही नसबंदी कराई. इस बार के पखवाड़े में एक भी पुरुष ने नसबंदी नहीं कराई. वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरे बिहार में सिर्फ 28 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी कराई थी. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे पांच के अनुसार डेढ़ फीसदी पुरुष नसबंदी करा रहे हैं और 9.1 फीसदी ही गर्भ निरोध का इस्तेमाल कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग हर बार परिवार नियोजन पखवाड़ा शुरू कर महिला और पुरुष दोनों को जागरूक करता है लेकिन बंध्याकरण कराने महिलाएं ही अस्पताल पहुंचती हैं. स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ सुषमा आलोक ने बताया कि बंध्याकरण की संख्या अधिक है. डॉ प्रेरणा सिंह ने बताया कि पुरुषों में अब भी जागरूकता की कमी है. हर बार महिलाओं को ही घर से अस्पताल बंध्याकरण के लिए लाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के परिवार नियोजन मेले में पुरुष आते तो हैं पर नसबंदी नहीं कराते हैं. जुलाई के पखवाड़े की रिपोर्ट के अनुसार पूरे बिहार में सिर्फ 16 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी कराई तो 46 फीसदी महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. गर्भ निरोध के लिए अपनाई जाने वाली अंतरा सूई बिहार में 57 फीसदी महिलाओं ने ली.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क