Patna नदियों के सूखने का प्रतिकूल प्रभाव खेती और पेयजल पर पड़ा

Patna नदियों के सूखने का प्रतिकूल प्रभाव खेती और पेयजल पर पड़ा
 
Patna नदियों के सूखने का प्रतिकूल प्रभाव खेती और पेयजल पर पड़ा
 

बिहार न्यूज़ डेस्क  नदियों के सूखने का प्रतिकूल प्रभाव खेती और पेयजल पर पड़ा है. आस-पास के बड़े इलाके का भूजल काफी नीचे चला गया है. इसके कारण चापाकल सूख रहे हैं.
दक्षिण बिहार के 8 जिलों की 24 पंचायतों में 50 फीट तक पानी नीचे चला गया है. इसका परिणाम यह है कि खेती-किसानी गहरे संकट में आ गयी है. जमीन की नमी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है. अनियमित व कम बारिश, भूजल का दोहन, जमीन का रिचार्ज न होना, जंगलों का बेतहाशा कटना, गाद और अपने मूल स्रोत से पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण नदियां संकट में हैं. इसके बाद अनियमित और औसत से कम बारिश से भी परेशानी का कारण है. इससे जमीन को रिचार्ज होने का अवसर नहीं मिलता. परिणाम नदियों का पानी शुरू में ही सूखने लगता है.

भूजल के अत्यधिक दोहन से बिगड़ी स्थिति
जल विशेषज्ञ दिनेश मिश्रा ने कहा कि ‘हमारी नदियां संकट में हैं. खासकर 90 के दशक के बाद स्थिति अधिक बिगड़ी है. इसका सबसे बड़ा कारण भूजल का अत्यधिक दोहन है. हमने जमीन के अंदर से बेतहाशा और अराजक तरीके से पानी निकाला है. नदियां जमीन को रिचार्ज करती हैं. वे भूजल का स्तर मेंटेन रखने में मदद करती हैं. लेकिन, हमने जब जमीन से ही पानी निकालना शुरू कर दिया तो नदियों का पानी भूतल में जाने लगा.


पटना  न्यूज़ डेस्क