पहले जान लें TDS और TCS ,तब पता लगेगा बजट में क्या कुछ मिला है

बिज़नस न्यूज़ डेस्क,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री करके मध्यमवर्ग के लोगों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने टीडीएस और टीसीएस को लेकर भी कुछ घोषणाएं की हैं. बजट में बुजुर्गों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है. इसे 50,000 से बढ़ाकर 1,00,000 रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया गया है.
वहीं सीतारमण ने आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत ‘सोर्स पर टैक्स’ (TCS) इकट्ठे करने की लिमिट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. वित्त मंत्री ने TCS की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने का प्रपोजल दिया है. बता दें कि अब तक शिक्षा और चिकित्सा के लिए 7 लाख रुपए से ज्यादा पैसे भेजने पर 5 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना होता था. हालांकि अगर एजुकेशन लोन के माध्यम से पैसे भेज जाएं तो कोई टीसीएस नहीं लगता. लेकिन अब अगर आप अब विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चों की फीस या अन्य खर्चों के लिए 10 लाख रुपए भेजेंगे तो आपको टैक्स नहीं देना होगा. वित्त मंत्री ने एजुकेशन से जुड़े मामलों में रेमिटेंस पर टीसीएस हटाने का भी प्रस्ताव रखा है.
क्या है LRS
जब आप LRS यानी लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के अंतर्गत रेमिटेंस, यात्रा और निवेश के लिए विदेश में पैसा ट्रांसफर करते हैं, तो उस पर आपको टीसीएस का भुगतान करना होता है. ये टैक्स विदेश में पैसा भेजने से पहले, बैंक या रेमिटेंस सर्विस द्वारा काट लिया जाता है.
अब समझिए क्या है TDS
TDS का मतलब होता है Tax Deduction at Source. अगर किसी व्यक्ति को कोई इनकम होती है तो उस इनकम से टैक्स काटकर बाकी रकम दे दी जाती है. इसे TDS कहा जाता है. टीडीएस अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे- सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि. सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स जुटाती है. तमाम आय स्रोतों से काटा गया टीडीएस सरकार के पास जमा किया जाता है. इसके बदले आपको एक प्रमाणपत्र भी मिलता है जिसमें ये बताया जाता है कि अमुक व्यक्ति से किटना टीडीएस काटा गया और सरकार के खाते में कितनी राशि गई.
इनकम टैक्स से टीडीएस ज्यादा होने पर रिफंड क्लेम किया जाता है और कम होने पर एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स जमा करना होता है. टीडीएस सरकार के खाते में जमा करने की जिम्मेदारी पेमेंट करने वाले व्यक्ति या फिर उस संस्था की होती है जो भुगतान कर रहा है. टीडीएस काटने वालों को डिडक्टर कहा जाता है. वहीं जिसे टैक्स काट के पेमेंट मिलती है उसे डिडक्टी कहते हैं.
TCS क्या है?
TCS का मतलब Tax Collected at Source होता है. TCS का भुगतान सेलर, डीलर, वेंडर, दुकानदार की तरफ से किया जाता है. हालांकि, वो कोई भी सामान बेचते हुए इसे खरीदार या ग्राहक से वसूलता है. सामान की कीमत लेते वक्त, उसमें टैक्स का पैसा भी जोड़कर ले लिया जाता है. वसूलने के बाद इसे जमा करने का काम सेलर या दुकानदार का ही होता है. टीसीएस खास तरह के सामान पर लगता है जैसे शराब, तेंदू पत्ता, इमारती लकड़ी, स्क्रैप, मिनरल्स वगैरह.