2024 के शुरूआती महीनों में हुए हजारों करोड़ों रूपए के स्कैम, आंकड़े देखकर आपकी भी फटी रह जाएंगी आंखें

2024 के शुरूआती महीनों में हुए हजारों करोड़ों रूपए के स्कैम, आंकड़े देखकर आपकी भी फटी रह जाएंगी आंखें
 
2024 के शुरूआती महीनों में हुए हजारों करोड़ों रूपए के स्कैम, आंकड़े देखकर आपकी भी फटी रह जाएंगी आंखें

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - देश में बढ़ते वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुए ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामत ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। सोशल मीडिया हैंडल 'X' पर कामत ने शेयर बाजार घोटाले में बेंगलुरु के एक व्यक्ति के 91 लाख रुपये गंवाने की खबर शेयर की और लिखा कि पिछले 9 महीनों में देश में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले हुए हैं।

आगे कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें और इजाफा हो सकता है, क्योंकि जालसाजों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा कामत ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक अहम सलाह देते हुए कहा कि लोगों को टेलीग्राम और व्हाट्सएप में प्राइवेसी सेटिंग बदलनी चाहिए।

कामत ने लिखा, खुद को सुरक्षित रखने के लिए आप टेलीग्राम और व्हाट्सएप की सेटिंग बदल सकते हैं, ताकि कोई अनजान व्यक्ति आपको किसी ग्रुप में न जोड़ सके। इसे लागू करने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड भी उन्होंने शेयर की। प्राइवेसी सेटिंग बदलने से आपको व्हाट्सएप पर केवल वही लोग ग्रुप में जोड़ पाएंगे, जिनका नाम आपकी कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में है।

2024 के पहले 9 महीनों में 11,333 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले 9 महीनों (जनवरी से सितंबर तक) में साइबर धोखाधड़ी के कारण भारतीयों को 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

शेयर ट्रेडिंग घोटाले में सबसे ज्यादा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से सबसे ज्यादा 4,636 करोड़ रुपये का नुकसान शेयर ट्रेडिंग घोटाले में हुआ है। इसके बाद निवेश से जुड़ी धोखाधड़ी में 3,216 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी में वृद्धि
भारत में हाल ही में "डिजिटल गिरफ्तारी" धोखाधड़ी में भी वृद्धि देखी गई है। इसके परिणामस्वरूप 1,616 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा सकती है।