सरकार ने बनाया विकसित भारत बनाने का पूरा प्लान,बस इस बात का रखना होगा ध्यान
बिज़नस न्यूज़ डेस्क,मोदी सरकार 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के सपने के साथ आगे बढ़ रही है. पीएम मोदी अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी कर चुके हैं. अब वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए वित्तीयकरण से बचने की जरूरत को लेकर आगाह किया है और कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं सबसे उज्ज्वल वैश्विक संभावनाओं में से एक हैं.
इस बात का रखना होगा ध्यान
नागेश्वरन ने कहा कि भारत का स्टॉक मार्केट कैप सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 140 प्रतिशत है. भारतीय वित्त क्षेत्र की रिकॉर्ड प्रॉफिटेबिलिटी तथा बाजार पूंजीकरण का उच्च स्तर या सकल घरेलू उत्पाद के प्रति बाजार पूंजीकरण का अनुपात, एक अन्य कारक उत्पन्न करता है जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है. सीईए ने कहा जब बाजार अर्थव्यवस्था से बड़ा हो जाता है तो यह स्वाभाविक है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह उचित हो कि बाजार के विचार तथा प्राथमिकताएं सार्वजनिक चर्चा पर हावी हो जाएं और नीतिगत चर्चा को भी प्रभावित करें. मैं वित्तीयकरण नामक घटना या नीति और व्यापक आर्थिक परिणामों पर वित्तीय बाजार के प्रभुत्व की बात कर रहा हूं.
क्या होता है वित्तीयकरण?
सीआईआई फाइनेंसिंग 3.0 शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वित्तीयकरण का अर्थ वित्तीय बाजार की अपेक्षाओं के रुझान पर प्रभुत्व है और महत्वपूर्ण रूप से सार्वजनिक नीति तथा व्यापक आर्थिक परिणामों में रुचि रखना है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ये उनके निजी विचार हैं, न कि मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में दिया गया कोई बयान. नागेश्वरन ने कहा कि नीतिगत स्वायत्तता बनाए रखना और अर्थव्यवस्था को वैश्विक पूंजी प्रवाह की अनिश्चितताओं से बचाना महत्वपूर्ण है. भारत मामूली चालू खाता घाटे के बावजूद वैश्विक पूंजी प्रवाह पर निर्भर है.