Bandaa Singh Chaudhary Box Office: सिनेमाघरों में पहले ही दिन ढेर हुई Arshad Warsi की फिल्म, पहले दिन की कमाई उड़ा देगी होश

Bandaa Singh Chaudhary Box Office: सिनेमाघरों में पहले ही दिन ढेर हुई Arshad Warsi की फिल्म, पहले दिन की कमाई उड़ा देगी होश
 
Bandaa Singh Chaudhary Box Office: सिनेमाघरों में पहले ही दिन ढेर हुई Arshad Warsi की फिल्म, पहले दिन की कमाई उड़ा देगी होश

बॉक्स ऑफिस न्यूज़ डेस्क -  अरशद वारसी की फिल्म 'बंदा सिंह चौधरी' को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता थी। अभिषेक सक्सेना द्वारा निर्देशित इस एक्शन फिल्म का ट्रेलर जब सामने आया था, तब से ही प्रशंसक 'मुन्नाभाई' के 'सर्किट' को नए रूप में देखने का इंतजार कर रहे थे। फिल्म 25 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और फिल्म का रिजल्ट भी सामने आ गया है। इस फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई की, आइए देखते हैं आंकड़े:

Bandaa Singh Chaudhary Box Office: सिनेमाघरों में पहले ही दिन ढेर हुई Arshad Warsi की फिल्म, पहले दिन की कमाई उड़ा देगी होश
'बंदा सिंह चौधरी' ने पहले दिन इतना कलेक्शन किया
बंदा सिंह चौधरी का निर्देशन अभिषेक सक्सेना ने किया है, वहीं फिल्म के निर्माता सलमान खान के छोटे भाई अरबाज खान हैं। 'सिकंदर' एक्टर ने इस फिल्म का अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रमोशन भी किया। हालांकि, अरशद वारसी की फिल्म को इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। इस फिल्म को लेकर दर्शकों में जितनी उत्सुकता थी, फिल्म उसका आधा भी नहीं कमा पाई है। सकनलिक डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, बंदा सिंह चौधरी ने शुक्रवार को पहले दिन सिर्फ 15 लाख का कारोबार किया। 20 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म की ओपनिंग धीमी रही, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि फिल्म अपना बजट वसूल पाएगी या नहीं।

Bandaa Singh Chaudhary Box Office: सिनेमाघरों में पहले ही दिन ढेर हुई Arshad Warsi की फिल्म, पहले दिन की कमाई उड़ा देगी होश
क्या है 'बंदा सिंह चौधरी' की कहानी?
अरशद वारसी और मेहर विज स्टारर फिल्म 'बंदा सिंह चौधरी' एक ऐसे शख्स की कहानी है जो पंजाब में आकर बस जाता है। वहां उसे एक लड़की से प्यार हो जाता है और दोनों शादी कर लेते हैं। फिल्म में उस समय की कहानी दिखाई गई है जब पंजाब में आतंकवाद अपने चरम पर था।पंजाब में बसे सभी बाहरी लोगों को शहर छोड़ने की धमकी दी जाती है, लेकिन बंदा सिंह चौधरी अपने दोस्त के समझाने पर भी पंजाब छोड़ने से मना कर देता है, जिसके बाद उग्रवादी सभी गांव वालों को चेतावनी देते हैं कि अगर किसी ने 'बंदा' से बात करने या उसकी मदद करने की कोशिश की तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा। बंदा का दोस्त अपनी जिद की कीमत अपनी जान देकर चुकाता है और इस तरह फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है।