Jaipur नैक ग्रेडिंग अटकी, प्रदेश के 20 विश्वविद्यालयों में 4000 पद खाली
हाल ही में हुई नैक की बैठक में प्रदेश के तमाम कुलपति यह बात उठा चुके हैं कि जब यूनिवर्सिटीज में शिक्षक ही नहीं तो नैक एक्रीडेशन कैसे करवाएंगे। आरयू की वीसी प्रो. अल्पना कटेजा कहती हैं- रिक्त पदों का प्रभाव शैक्षणिक, अशैक्षणिक और शोध कार्यों पर तो पड़ता ही है। साथ ही इससे नैक ग्रेडिंग भी प्रभावित होती है।राजस्थान में अलवर, सीकर और भरतपुर की यूनिवर्सिटीज 2012 में बनाई गई थी, तब से कॉन्ट्रेक्चुअल शिक्षकों और कर्मचारियों के भरोसे हैं। 2017 में बनी बांसवाड़ा यूनिवर्सिटी में आजतक कोई भर्ती नहीं हुई। एमडीएस अजमेर जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी सिर्फ 12 शिक्षकों के बूते चल रही है।
नए पदों की भर्ती दूर की बात, स्वीकृत पद तक नहीं भर पा रही राज्य सरकार
सीएम व मंत्री हजारों भर्तियां करने के बयान दे रहे हैं, मगर विश्वविद्यालयों में 4000 पदों पर भर्ती की अनुमति नहीं मिल पाई है। ना ही सलेक्शन कमेटी में मेंबर नॉमिनेट किया है। कोटा यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. कैलाश सोडाणी कहते हैं- स्वीकृत पद भरने और पदोन्नति के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता को समाप्त किया जाना चाहिए।
डेटा सोर्स : विभिन्न विश्वविद्यालयों से
डेटा सोर्स : विभिन्न विश्वविद्यालयों से
सिलेक्शन कमेटी के मेंबर्स के नामों की सूची सीएमओ को दी है, भर्ती जल्द होगी
"सिलेक्शन कमेटी, बॉम के मेम्बर्स वगैरह के लिए नामों की लिस्ट सीएमओ भेजी हुई है। मंजूरी मिलते ही विवि भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।"