Ajmer खनिज निर्यात पर 6 गुना लगे रॉयल्टी तो 3 हजार नए उद्योग की खुले राह

Ajmer खनिज निर्यात पर 6 गुना लगे रॉयल्टी तो 3 हजार नए उद्योग की खुले राह
 
Ajmer खनिज निर्यात पर 6 गुना लगे रॉयल्टी तो 3 हजार नए उद्योग की खुले राह

अजमेर न्यूज़ डेस्क,  प्रदेश के उद्योग के विकास के लिए सरकार को नीति बनाने की आवश्यकता है। खान विभाग के स्तर पर इसका परीक्षण किया जा रहा है, जिसमें मिनरल उद्यमियों की प्रदेश से बाहर जाने वाले कच्चे फेल्सपार पर छह गुना रायल्टी बढाने व बिजली में छूट देने की मांग की है। मिनरल व्यापारियों के प्रस्ताव को मानें तो ऐसा करने पर प्रदेश में तीन हजार नए उद्योग खुलने की राह खुलेगी, जो प्रदेश के औद्योगिक विकास की नई दिशा तय करेगी।

गुजरात के मोरवी के टाइल्स उद्योग में ब्यावर के मिनरल पाउडर की धाक है। ब्यावर से प्रतिदिन करीब 33000 टन पाउडर मोरवी जाता है। ब्यावर क्षेत्र में करीब 1100 मिनरल यूनिट संचालित हैं। इससे करीब 40 हजार परिवारों का रोजगार जुडा हुआ है। मोरवी में ग्राइंडिंग मिनरल यूनिट के बड़े प्लांट लगने से यहां का मिनरल व्यापार प्रभावित हुआ है। पिछले कुछ बरसों में मोरवी में मिनरल ग्राइंडिंग की बडी-बडी यूनिट लग गईं। इससे मोरवी से आने वाली मांग कम हुई। मांग कम होने से यहां की कई यूनिट बंद पड़ी हैं। यहां के उद्यमी चाहते हैं कि राज्य से बाहर कच्चे ही निर्गमित हो रहे खनिजों पर छह गुना तक ज्यादा रॉयल्टी वसूलने की नीति राज्य सरकार को बनानी चाहिए, ताकि राज्य में कच्चा माल सस्ता उपलब्ध हो सके। बिजली खर्च पर भी छूट का प्रावधान किया जाए।

टाइल्स उद्योग शुरू हो तो गुजरात पर निर्भरता घटे

मिनरल उद्यमी चाहते हैं कि ब्यावर क्षेत्र में 20 मध्यम व वृहद सिरेमिक टाइल उद्योग स्थापित हो, ताकि बड़ी मात्रा में उत्पादित फेल्सपार की खपत स्थानीय स्तर पर हो जाए। वर्ष 2015 से राज्य सरकार राजस्थान की सिरेमिक नीति बनाने में लगी है। स्वतंत्र मिनरल प्रोडक्ट्स व सिरेमिक नीति आज तक नहीं बन पाई है। निर्मित टाइल्स का वितरण मध्य, उत्तर, पूर्वी भारत व निर्यात के माध्यम से विदेशी बाजार से अनुबंध कर टाइल कंपनियां मुनाफे में रह सकती हैं।