Ajmer शिव मंदिरों में अभिषेक, रुद्रपाठ के लिए बुकिंग करा रहे हैं भक्त

Ajmer शिव मंदिरों में अभिषेक, रुद्रपाठ के लिए बुकिंग करा रहे हैं भक्त
 
Ajmer शिव मंदिरों में अभिषेक, रुद्रपाठ के लिए बुकिंग करा रहे हैं भक्त

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर हिंदू पंचांग में आस्था का सावन 22 जुलाई से शुरू होगा। छोटे-बड़े शिवालयों में पांच सोमवार और 2 शिव प्रदोष दिन समेत पूरे सावन के दौरान सहस्रधारा, रुद्राभिषेक सहित कई अनुष्ठान कराने के लिए तीर्थनगरी समेत दूरदराज के शहरों से पंडितों की एडवांस बुकिंग महीनेभर से जारी है।तीर्थनगरी में करीब 25 से अधिक प्रमुख पुरोहित और 100 से अधिक सहायक आचार्य रुद्राभिषेक, सहस्रधारा, रुद्रपाठ आदि अनुष्ठान कराते हैं। इनके पास 3-4 सप्ताह पहले ही अनुष्ठान के लिए तिथि अनुसार कार्यक्रम की अग्रिम बुकिंग कराने का सिलसिला जारी है। अभिषेक, सहस्रधारा और रुद्रपाठ अनुष्ठान के लिए 3 से 25 हजार रुपए तक दक्षिणा देने-लेने की परंपरा है।अमूमन सहस्रधारा अनुष्ठान एक-दो प्रमुख पंडित व सहायक आचार्य पूरा करा देते हैं जबकि रुद्राष्टाध्यायी पाठ के लिए प्रमुख पंडितों के साथ 5 से 10 सहायक आचार्य भी अनुष्ठान कराते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. कमल नयन दाधीच ने बताया कि एक छेद के कलश से रुद्राभिषेक किया जाता है तथा 108 छेद के कलश से अष्टोत्तर शत चित्रधारा अभिषेक होता है जबकि सहस्रधारा एक हजार छेद वाले कलश से की जाती है। रुद्राभिषेक में करीब सवा घंटे का समय लगता है।सहस्त्रधारा में करीब तीन घंटे लगते हैं। अनुष्ठान के लिए 11 विद्वान पंडित रुद्राष्ट्राध्याय का पाठ करते हैं। वेद के ब्राह्मण ग्रंथों में, उपनिषद, स्मृति तथा पुराणों में रुद्राष्टाध्यायी, रुद्राभिषेक की महिमा का वर्णन है।

40 साल पहले वेद विद्वान पं. हरदेव ने कराई थी पहली सहस्त्रधारा

पुष्कर में 40 साल पूर्व वेद विद्वान स्व. हरदेव शर्मा ने भोलेनाथ की सहस्त्रधारा की शुरुआत की थी। उन्होंने पहले ब्राह्मण कुलीन पुरोहितों को रुद्रपाठ का अभ्यास कराया। इसके बाद अपने हाथों से एक हजार छेद किए तांबे का कलश तैयार किया। यह कलश अभी भी मौजूद है। सावन में पुष्कर के शिवभक्तों के साथ दूरदराज के गांवो-शहरों से भी शिव भक्त सहस्त्रधारा के लिए आते हैं। मकराना निवासी ओम प्रकाश गौड़ परिवार पिछले 30 सालों से सहस्त्रधारा के लिए परिवार सहित पुष्कर आ रहे हैं। 30 साल पहले उनके पिता ने राम घाट स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर में सहस्त्रधारा कराई थी। पिता के निधन के बाद से वे सहस्त्रधारा करा रहे हैं।

तीर्थनगरी के प्रमुख शिव मंदिरों में होगी सहस्त्रधारा: सावन में प्राचीन कपालेश्वर महादेव, सिद्धेश्वर महादेव, अटमटेश्वर महादेव, 108 महादेव, महामृत्युंजय महादेव, चित्रकूट धाम, निंबार्कपीठ के परशुराम द्वारा स्थित शिवालय, रामेश्वर महादेव, प्रेम प्रकाश आश्रम स्थित माधेश्वर महादेव, थानेश्वर महादेव, पंचकुुंड स्थित नागेश्वर महादेव, गऊ मुख स्थित नीलकंठ महादेव, ग्वालियर घाट स्थित कोटेश्वर महादेव, अजयपाल धाम स्थित अजगंधेश्वर महादेव, सूरजकुंड स्थित ककड़ेश्वर-मकडेश्वर महादेव आदि प्रमुख शिव मंदिरों में सहस्त्रधारा व रुद्राभिषेक होंगे।