Ajmer शिक्षा विभाग में दोहरे फरमान से शिक्षकों में छाया असमंजस

Ajmer शिक्षा विभाग में दोहरे फरमान से शिक्षकों में छाया असमंजस
 
Ajmer शिक्षा विभाग में दोहरे फरमान से शिक्षकों में छाया असमंजस
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर  शिक्षा विभाग की ओर से दोहरे फरमान से शिक्षक असमंजस में हैं। सरकार की ओर से शिक्षकों को विद्यालय समय में मोबाइल उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय किया है तो दूसरी ओर डिजिटल प्लेटफार्म पर डिजिटल प्रवेशोत्सव शुरू करने का फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग की ओर से नए सत्र 2024-25 में प्रवेशोत्सव के तहत इस बार डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रवेशोत्सव मनाने के आदेश दिए गए हैं। अब शिक्षक-शिक्षिकाओं को एंड्रॉइड मोबाइल में प्रवेशोत्सव एप्लिकेशन डाउनलोड कर डोर टू डोर सर्वे करना होगा। जबकि सरकार की ओर से विद्यालयों में शिक्षकों के मोबाइल पर बैन के आदेश जारी किए हैं। अब शिक्षक मोबाइल का उपयोग करते हैं तो सरकार के आदेश का उल्लंघन होता है और नहीं करते हैं तो डिजिटल प्रवेशोत्सव का मकसद कैसे सफल हो पाएगा?

प्रवेशोत्सव का प्रथम चरण आज से शुरू

प्रवेशोत्सव का प्रथम चरण सोमवार से शुरू हो चुका है। शिक्षकों को डिजिटल प्रवेशोत्सव प्रोसेस फॉलो करना होगा। शिक्षकों का मानना है कि मोबाइल से नहीं बल्कि गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इससे शिक्षक मूल कार्य अध्यापन से दूर होते जा रहे हैं। सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के मोबाइल बैन का कदम सराहनीय है, लेकिन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करना जरूरी है। जिसके कारण पढ़ाई की तरफ कम ध्यान दे पाते हैं।

डेटा विश्लेषण पर आधारित नामांकन योजना

इस बार प्रवेशोत्सव में रजिस्टर की जगह मोबाइल पर डिजिटल एप्लिकेशन में आंकड़े संधारित करने होंगे। डेटा विश्लेषण पर आधारित नामांकन योजना के तहत अब शिक्षकों को रजिस्टर के बाद डिजिटल एप्लिकेशन में अलग से डेटा संधारित नहीं करने पड़ेंगे। इससे प्रतिदिन तत्काल सूचना राज्य स्तर तक संकलित हो जाएगी।