Ajmer लॉ कॉलेज का यूजीसी के नियम 12 (बी) और 2 एफ में पंजीयन नहीं

Ajmer लॉ कॉलेज का यूजीसी के नियम 12 (बी) और 2 एफ में पंजीयन नहीं
 
Ajmer लॉ कॉलेज का यूजीसी के नियम 12 (बी) और 2 एफ में पंजीयन नहीं
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर राज्य में विधि शिक्षा के हाल खराब हैं। गुजरे 18 साल से अधिकांश लॉ कॉलेज यूजीसी में पंजीकृत नहीं हैं। ना यूजीसी से कोई बजट ना प्रोजेक्ट मिल रहे हैं। इन कॉलेज में लबे समय से विकास कार्य ठप हैं। सरकार और बार कौंसिल ऑफ इंडिया का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।प्रदेश में वर्ष 2005-06 में लॉ कॉलेज स्थापित हुए थे। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, नागौर, सिरोही, बूंदी, कोटा, झालावाड़, बीकानेर, डूंगरपुर, दौसा, चित्तौड़गढ़, नावां और अन्य कॉलेज शामिल हैं। अधिकांश कॉलेज के पास बार कौंसिल ऑफ इंडिया से स्थाई मान्यता नहीं है। सभी कॉलेज को प्रतिवर्ष संबंधित विश्वविद्यालय का सबद्धता पत्र, निरीक्षण रिपोर्ट और पत्र भेजना पड़ता है।

यूं मिलता है बजट

यूजीसी के नियम 12 (बी) और 2 एफ के तहत सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों को पंजीकृत किया जाता है। यह पंजीयन संस्थाओं में शैक्षिक विभाग, शिक्षकों और स्टाफ की संया, भवन, संसाधन, सह शैक्षिक गतिविधियों और अन्य आधार पर होता है। इसमें पंजीकृत कॉलेज-विश्वविद्यालयों को विकास कार्यों, शैक्षिक कॉन्फ्रेंस कार्यशाला, भवन निर्माण के लिए बजट मिलता है। लॉ कॉलेज इस नियम में पंजीकृत नहीं हैं।

ठप हैं विकास कार्य

अजमेर सहित कई लॉ कॉलेज के यूजीसी में पंजीकृत नहीं होने से विकास कार्य ठप हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान और यूजीसी के अन्य योजनाओं में मिलने वाला बजट नहीं मिलता। राज्य सरकार ने 12 साल पूर्व सिर्फ भवन बनाए हैं। यूजीसी में पंजीकरण नहीं होने से कॉलज को किसी योजना में बजट नहीं मिलता है।

हर साल सशर्त मंजूरी

बीसीआई लगातार शिक्षकों-संसाधनों की शर्त पर कॉलेज में प्रवेश की अनुमति देती है। कई कॉलेज में शारीरिक शिक्षक, खेल मैदान, सभागार, और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं। हालांकि अजमेर, नागौर और कुछ कॉलेज ने नैक में पंजीयन को लेकर तैयारी शुरू की है।v